राजेश खेतान
सीए
आज के बजट में मध्यम वर्ग को बहुत उम्मीद थी कि छूट का पिटारा खुलेगा परंतु प्रत्यक्ष रूप से ऐसा कुछ नहीं हुआ. इससे यह कहना गलत होगा कि बजट निराशाजनक रहा. पहली बार बजट को एक सराहनीय अंदाज में प्रस्तुत किया गया जहां सबके लिए कुछ-न-कुछ रोडमैप सरकार ने निर्धारित किया है. इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई इंसेंटिव घोषणाएं किये गये.
छोटे डीलर जो कि जीएसटी में निबंधित हैं व टर्नओवर 1.5 करोड़ उन्हें पेंशन देने की योजना सराहनीय है. इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी योजनाओं का खाका खींचा गया है, रेलवे में पीपीपी मोड व एविएशन सेक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाने की भी योजना है, किसानों के लिए जीरो बजट फार्मिंग यदि सफल होती है, तो यह देश की तरक्की में बहुत बड़ा योगदान दे सकती है.
युवाओं के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नेशनल एजुकेशन पालिसी, रिसर्च को बढ़ावा देना और देश को विकास के रास्ते पर तेजी से ले जा सकती है. सरकार ने बजट में अपनी कार्ययोजनाओं का एक ऐसा खाका खींचा है, जो यदि सफल रही तो निश्चित रूप से पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य प्राप्त हो जायेगा.