15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 08:16 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नितिन गडकरी ने भारत के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का VIDEO किया पोस्ट, इंजीनियरिंग मार्वेलस

Advertisement

एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर यातायात को कम करना है, जो स्वर्णिम चतुर्भुज के दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई खंड का एक हिस्सा है. तकरीबन नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए गए इस एक्सप्रेसवे में लगभग 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग होने की उम्मीद है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर भारत के पहले एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे का एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में द्वारका एक्सप्रेसवे का विहंगम दृश्य दिखाया गया है. द्वारका एक्सप्रेसवे के इस वीडियो में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे तीन से चार महीने में सार्वजनिक उपयोग के लिए खुल जाएगा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हरियाणा के गुरुग्राम से जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होगा.

- Advertisement -

एफिल टावर से 30 गुना अधिक स्टील का प्रयोग

एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर यातायात को कम करना है, जो स्वर्णिम चतुर्भुज के दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई खंड का एक हिस्सा है. तकरीबन नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए गए इस एक्सप्रेसवे में लगभग 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग होने की उम्मीद है, जो पूरी दुनिया में विख्यात एफिल टॉवर के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील से 30 गुना अधिक है.

बुर्ज खलीफा छह गुना अधिक क्रंक्रीट का इस्तेमाल

सबसे बड़ी बात यह है कि द्वारका एक्सप्रेसवे में लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा, जो दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को बनाने में इस्तेमाल किए गए कंक्रीट से 6 गुना अधिक है. द्वारका एक्सप्रेसवे में उच्च तकनीक वाली यातायात प्रबंधन प्रणालियां भी होंगी, जिनमें उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली, टोल प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरे आदि शामिल हैं.

16 लेन वाला होगा द्वारका एक्सप्रेसवे

द्वारका एक्सप्रेसवे कुल 16 लेन का होगा. इसमें आसान पहुंच और निकास के लिए प्रत्येक तरफ तीन-लेन सर्विस रोड का भी प्रावधान होगा. इस उद्देश्य के लिए इसमें चार इंटरचेंज होंगे, जिनमें सुरंग या अंडरपास और एलिवेटेड फ्लाईओवर शामिल हैं. द्वारका एक्सप्रेसवे में सबसे लंबी और चौड़ी शहरी सड़क सुरंग भी होगी, जिसकी लंबाई 3.6 किमी और चौड़ाई 8 लेन होगी.

29 किलोमीटर लंबा है द्वारका एक्सप्रेसवे

तकरीबन 29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 या दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर शिव-मूर्ति से शुरू होता है और द्वारका सेक्टर 21 से होते हुए गुरुग्राम सीमा और बसई में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास समाप्त होता है. एक्सप्रेसवे का लगभग 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ता है, जबकि बाकी 10 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है. गडकरी ने पहले कहा था कि द्वारका एक्सप्रेसवे से यात्रियों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर लगभग 50 प्रतिशत यातायात कम करने में भी मदद मिलेगी.

द्वारका एक्सप्रेसवे पर कैग रिपोर्ट से राजनीति गरम

कैग ने हाल ही में जारी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे की प्रति किलोमीटर निर्माण लागत 18.2 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से ‘बहुत अधिक’ 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो गई. इसे लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमलावर तेवर अपनाए हुए हैं. विवाद बढ़ने के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने स्तर पर स्थिति साफ करने की कोशिश की है, लेकिन कैग की आशंकाओं को लेखा परीक्षण के समय ही दूर न किए जाने को लेकर गडकरी संबंधित अधिकारियों के रवैये से खुश नहीं हैं.

Also Read: Exclusive : ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे पर जल्द ही फर्राटा भरेंगी गाड़ियां, झारखंड में पहला ‘ग्रीन कॉरिडोर’

क्या कहता है कैग

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने राष्ट्रीय गलियारा सक्षमता कार्यक्रम के तहत निर्माण पर 91,000 करोड़ रुपये की कुल लागत को परियोजना के तहत विकसित होने वाले 5,000 किलोमीटर मार्ग से विभाजित कर अपना आकलन पेश किया है. सूत्रों के अनुसार, खुद कैग ने भी यह स्वीकार किया है कि 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की अनुमानित लागत में परियोजना के तहत विकसित होने वाले फ्लाईओवर, रिंग रोड एवं अप्रोच मार्ग की लागत से जुड़े मानकों को शामिल नहीं किया गया है. इस एक्सप्रेसवे के विकास में सड़कों के साथ अंडरपास, सुरंगों और अन्य हिस्सों का भी निर्माण हुआ है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें