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मोदी सरकार ने 50000 बार फेसबुक से मांगा भारतीय यूजर्स का डाटा

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Facebook, Modi Government, emergency request, facebook user data: सोशल मीडिया पर अगर आप ज्यादा एक्टिव रहते हैं, तो कुछ भी पोस्ट करने से पहले आपके लिए सचेत रहने की जरूरत है. वजह यह है कि सोशल मीडिया पर सरकार की निगरानी इन दिनों कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है.

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Modi Government Social Media Monitoring: सोशल मीडिया पर अगर आप ज्यादा एक्टिव रहते हैं, तो कुछ भी पोस्ट करने से पहले आपके लिए सचेत रहने की जरूरत है. वजह यह है कि सोशल मीडिया पर सरकार की निगरानी इन दिनों कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है.

दरअसल, पिछले साल यानी 2019 में भारत सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा फेसबुक से यूजर्स का डेटा मांगने के आपातकालीन अनुरोधों में बढ़ोतरी देखी गई. मंगलवार देर रात जारी हुई ताजा ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट की मानें, तो सरकार ने साल 2019 में सोशल मीडिया यूजर्स का डेटा मांगने के लिए 3369 आपातकालीन अनुरोध किये.

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यह साल 2018 के 1478 अनुरोधों से दोगुना अधिक है. इसी तरह सरकार ने 2017 में 460 और 2016 में 121 यूजर्स का डेटा मांगा. पिछले चार सालों के आंकड़ों पर गौर करें, तो सरकार द्वारा यूजर्स की जानकारी मांगने में लगभग 28 गुना की बढ़ोतरी हुई है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें, तो सरकार द्वारा यूजर्स जानकारी के लिए आपातकालीन अनुरोधों में वृद्धि 2019 में चुनाव साल होने के कारण हुईं. इसी साल जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द किया गया और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रस्ताव जैसे विवादास्पद फैसलों लेकर साल भर तक देशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए.

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यही नहीं, सरकार द्वारा कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से भी यूजर्स का डेटा मांगने के भी अनुरोध बढ़ रहे हैं. साल 2018 में सरकार ने ऐसे 37000 से अधिक अनुरोध किये, जो तीस फीसदी के उछाल के साथ 2019 में लगभग 50000 हो गए.

फेसबुक की रिपोर्ट के मुताबिक, आपातकालीन स्थिति में कानून (एजेंसियां) कानूनी प्रक्रिया के बिना यूजर्स का डेटा मांगने का अनुरोध कर सकती हैं. परिस्थितियों के आधार पर हम कानून प्रवर्तन (एजेंसियों) को स्वेच्छा से जानकारी दे सकते हैं. जहां हमें यह विश्वास हो कि इस मामले में गंभीर शारीरिक चोट या मृत्यु का जोखिम शामिल है.

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