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टाटा सफारी और जिप्सी के बाद ये गाड़ी बनी भारतीय सेना की पसंद…

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भारतीय सेना पहले से ही टाटा सफारी, टाटा ज़ेनॉन, फोर्स गुरखा और मारुति सुजुकी जिप्सी का उपयोग कर रही है. स्कॉर्पियो क्लासिक के जुड़ने से भारतीय सेना की क्षमता में और बढ़ोतरी होगी. स्कॉर्पियो क्लासिक वैसे तो दिखने में पुरानी स्कॉर्पियो जैसी है. लेकिन इसमे कुछ बदलाव किये गए है. जानने के लिए पढ़ें खबर.

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भारतीय सेना के गाड़ी कलेक्शन में अब जल्द हीं महिंद्रा की स्कॉर्पियो क्लासिक का नाम भी जुड़ने वाला है. महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से ये जानकारी दी गयी है कि भारतीय सेना ने स्कॉर्पियो क्लासिक की 1,850 गाड़ियों का ऑर्डर दिया है. इससे पहले भी सेना ने जनवरी में स्कोर्पियो क्लासिक की 1,470 यूनिट्स का ऑर्डर दिया था. इन एसयूवी को भारतीय सेना के 12 यूनिट्स में तैनात किया जाएगा. बता दें कि स्कॉर्पियो क्लासिक, स्कॉर्पियो का अपडेटेड वर्जन है. इसके अलावा कंपनी स्कॉर्पियो का नया मोडल स्कॉर्पियो एन भी बेचने के लिए तैयार है. भारतीय सेना पहले से ही टाटा सफारी, टाटा ज़ेनॉन, फोर्स गुरखा और मारुति सुजुकी जिप्सी का उपयोग कर रही है. स्कॉर्पियो क्लासिक के जुड़ने से भारतीय सेना की क्षमता में और बढ़ोतरी होगी.

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क्या है स्कॉर्पियो क्लासिक की खासीयत

स्कॉर्पियो क्लासिक वैसे तो दिखने में पुरानी स्कॉर्पियो जैसी है. लेकिन इसमे कुछ बदलाव किये गए है. क्लासिक में कंपनी ने नयी ग्रिल दी है. इसमें वर्तमान में 2.2-लीटर डीजल इंजन का उपयोग किया जाता है. जो 130 हॉर्सपावर और 300 एनएम का पीक टॉर्क पैदा करता है. एसयूवी को छह स्पीड वाले गियरबॉक्स के साथ ऑफर किया गया है. जिससे पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से गियर शिफ्ट होता है. स्कॉर्पियो क्लासिक में कोई ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन या 4×4 पावरट्रेन नहीं है. महिंद्रा नें इस गाड़ी के हुड में कई बदलाव किए हैं. ये इंजन पुराने इंजन के मुकाबले 55 किलो तक हल्का है.

सिर्फ दो ही वेरिएंट का मिलता है ऑप्शन

एसयूवी के सस्पेंशन सेटअप को भी अपग्रेड और रीट्यून किया गया है. बॉडी रोल को नियंत्रित करने में मदद के लिए कंपनी नें सभी चार स्ट्रट्स पर एमटीवी-सीएल डैम्पर्स का उपयोग किया है. एसयूवी अब क्रूज़ कंट्रोल, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, कॉर्नरिंग लैंप, 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, सनग्लास होल्डर, डायमंड पैटर्न वाली फैब्रिक सीटें और बहुत कुछ जैसी सुविधाओं के साथ आती है. स्कॉर्पियो क्लासिक में सिर्फ दो वैरिएंट का ऑप्शन ही मिलता है. क्लासिक में कंपनी सिर्फ एस और एस11 वैरिएंट का ही ऑप्शन देती है.

एसयूवी की डिमांड ज्यादा

महिंद्रा के पास महिंद्रा स्कॉर्पियो, थार, एक्सयूवी300, एक्सयूवी500, एक्सयूवी700, महिंद्रा बोलेरो और महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन जैसी दमदार गाड़ियां शामिल हैं. एसयूवी की बढती डिमांड के चलते कंपनी पिछले साल के मुकाबले इस साल जून में 32,585 यूनिट्स की बिक्री करने में कामयाब रही, जो कि 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. घरेलू बाजार में महिंद्रा की गाड़ियों की जबरदस्त डिमांड है, खासकर एसयूवी गाड़ियों की. जो कि कंपनी के पास एक से बढ़कर बेहतर विकल्प के साथ उपलब्ध हैं.

1945 में रखी गई थी महिंद्रा की नींव

वर्तमान समय में महिंद्रा देश में बेहतरीन गाड़ियों के उत्पादन के लिए जानी जाती है. कंपनी इस समय कमर्शियल वाहनों के अलावा डीजल, पेट्रोल से लेकर इलेक्ट्रिक कारों का भी निर्माण कर रही है. महिंद्रा देश के दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों में से एक है. करीब 78 साल पहले इस कंपनी की शुरुआत एक स्टील बनाने वाली कंपनी के रूप में हुई थी. 1945 में गुलाम मोहम्मद और कैलाश चंद्र महिंद्रा ने महिंद्रा एंड मोहम्मद नाम से इस कंपनी की शुरुआत की थी. लेकिन भारत विभाजन के बाद मोहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया. जिसके बाद 1948 में कंपनी का नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा रख दिया गया.

1961 में बनाया पहला ट्रैक्टर

शुरुआत में कंपनी ने इंग्लैंड की कंपनियों के साथ मिलकर स्टील का व्यापार किया. इसके बाद बाद 1948 में ही कंपनी ने भारत में विलिस जीप असेंबली शुरू कर दी.अधिक मांग के कारण 1949 में कंपनी विलिस जीप के उत्पादन का लाइसेंस प्राप्त कर इसे भारत में बनाने लगी. यहां आपको बता दें कि यह देश की पहली ऑफ-रोडिंग वाली कार थी, जो 4-व्हील ड्राइव फीचर्स के साथ आती थी. हालांकि, बाद में कंपनी ने इसका लाइसेंस एक जापानी कंपनी को दे दी. 1961 में महिंद्रा नें अमेरिका की एक कंपनी के साथ मिलकर पहला ट्रैक्टर बनाया था. फिर इसके बाद कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जैसे- जैसे देश में गाड़ियों की मांग बढ़ने लगी, जिसकी वजह से कंपनी ने ऑटोमोबाइल की दुनिया में कदम रखा.

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