Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
28.4 C
Ranchi
Tuesday, April 22, 2025 | 05:10 am

BREAKING NEWS

तरुण विजय

Browse Articles By the Author

अयोध्या में 500 साल बाद राम नवमी का अर्थ

अयोध्या में 500 साल बाद रामनवमी मनी है. यह हिन्दुओं के संघर्ष की कहानी को बताता है.

भारत के शक्तितत्व की प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या में मंदिर नहीं, भारत राष्ट्र की स्मृति जागरण द्वारा नवीन राष्ट्रीय अभ्युदय के शक्ति स्रोत की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. हर काल में हिंदू का राष्ट्र और धर्म के समन्वय से युक्त जागरण कठिन और जटिल रहा है.

हिंदू धर्म पर पहले भी होते रहे हैं हमले

स्वामी विवेकानंद जब अमेरिका में अत्यंत सफल हो रहे थे, तो उनके प्रति विष वमन करने और हिंदुओं को सांप-संपेरों को पूजने वाले अनपढ़ गंवार बताने वाले ईसाई पादरी ही थे.

नवीन संसद को आलोकित करेंगे नंदी

शत्रुओं के खेमे में सेंध लगा कर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को विपदाओं के मध्य स्थिर और प्रगतिशील रखने का कीर्तिमान बनाने वाले मोदी ने जब नवीन संसद का उद्घाटन किया

सीमावर्ती जनजातीय समुदायों का विकास आवश्यक

देश की सीमा पर बसे ये समाज अल्प शिक्षा और संसाधनों की कमी जैसी गंभीर समस्याओं से भी जूझते रहते हैं. इन समुदायों के मध्य बड़े-बड़े साधु वैरागी, पांच सितारा बाबाजी लोग, अध्यात्म पर दस-दस दिन की कथाएं करने वाले करोड़पति कथाकार नहीं जाते.

भारत-वंदना के सौ इंद्रधनुष समान है मन की बात

‘मन की बात’ का सौवां पर्व वास्तव में भारत माता की अभ्यर्थना में गगन में जगे सौ इंद्रधनुषों के समान हैं. प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय देशवासियों से बातचीत का निकालते हैं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता प्रभावक्षेत्र

एआइ संसार के सभी नये आविष्कारों में एक प्रमुख स्थान ले चुका है, जो मानवेतर बुद्धि के माध्यम से मानव के समस्त गतिविधियों को प्रभावित करने में समर्थ है.

भागवत का सामाजिक समरसता वाला धर्म रक्षा सूत्र

आवश्यकता है कि हिंदू समाज सबसे बड़े सामाजिक प्रश्न के हल हेतु कटिबद्ध हो एवं मोहन भागवत के सामाजिक समरसता एवं हिंदू एकता के धर्म सूत्र पर क्रियान्वयन करे. यह युग संधि की वेला है. इसमें सेनापति की दृष्टि के अनुरूप ही चलना होगा.

इस युद्ध में विश्व जीतेगा भारत

आपदा का समय किसी समाज और नेतृत्व के लिए परीक्षा के समान होता है, या तो वह ध्वस्त होकर काल की यवनिका के पीछे तिरोहित हो जाता है अथवा वीरोचित संग्राम कर काल के कपाल पर अपना विजय गान अंकित करता है.
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels