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Rajneesh Anand
Senior Journalist with experience of more than 20 years in Print and Digital Media. Expertise in writing material on the topics of politics , sports and women issues. Fellow of IM4Change, Jharkhand Govt. and Save Children.
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Prabhat Khabar Special
Integration of 565 Princely States 2 : हैदराबाद के निजाम के शागिर्द ने पटेल...
Operation Polo Annexation of Hyderabad : भारत सरकार ने 13 सितंबर 1948 को ऑपरेशन पोलो शुरू किया था. इस ऑपरेशन का उद्देश्य हैदराबाद रियासत को भारत में शामिल करना था. इस सैन्य अभियान में सैकड़ों लोगों की जान गई थी. लेकिन इस अभियान से पहले भारत सरकार ने शांति से मसले को सुलझाने की काफी कोशिश की थी. हैदराबाद का निजाम अड़ियल था, उसे अपना स्वतंत्र अस्तित्व चाहिए था.
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दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ के कुछ घंटे बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग, पढ़ें,पूरी...
Martial Law In Korea : दक्षिण कोरिया में एक बार फिर लोकतंत्र के समर्थन में आवाज बुलंद हुई है और प्रदर्शन का दौर जारी है. मंगलवार की रात जब राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की, तो एकबारगी लोगों को भरोसा नहीं हुआ, क्योंकि वे अब मार्शल लॉ को इतिहास की चीज मानने लगे थे. 1980 में दक्षिण कोरिया ने अंतिम बार मार्शल लॉ देखा था. उसके बाद देश सैन्य तानाशाही से लोकतंत्र की ओर बढ़ गया. हां, ग्वांगजू शहर में 200 लोकतंत्र समर्थकों जिनमें ज्यादातर विश्वविद्यालय के छात्र थे, उनकी कुर्बानी देनी पड़ी थी.
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Integration of 565 Princely States : कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एक करने...
Mountbatten Plan 1947: भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 3 जून 1947 को माउंटबेटन प्लान की घोषणा की थी. इस घोषणा के साथ ही यह पता चल चुका था कि अंग्रेज भारत से जा तो रहे हैं, लेकिन वे मुल्क को भारत और पाकिस्तान में बांटकर जा रहे हैं. इतना ही नहीं भारत में उस वक्त 565 रियासतें थीं, जिनके राजा अंग्रेजों के अधीन थे, अंग्रजों ने उन्हें भी आजाद करने की बात कही. आजाद भारत में 565 स्वतंत्र रियासतों का होना ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है’ के सपने को तोड़ रहा था. इस सीरीज में हम उन रोचक कहानियों को आपके साथ शेयर करेंगे, जिन्होंने भारत को एक करके सशक्त बनाया.
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काश पटेल ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में बेचा टीशर्ट इनाम में मिला FBI डायरेक्टर...
Kash Patel : काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के धुर समर्थक. समर्पण इतना की उनके लिए टी-शर्ट भी बेचा और वफादारी इतनी कि भ्रष्टाचार मिटाने का ब्लूप्रिंट तैयार किया. प्रभाव इतना कि डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का डायरेक्टर. योग्यता पर सवाल भी उठ रहे हैं, लेकिन अमेरिकी जनता अपने नव निवार्चित राष्ट्रपति के कामकाज के तरीकों से वाकिफ है. उन्हें पता है कि ट्रंप कैबिनेट में नियुक्ति वफादारी के बल पर ही मिल रही है ना कि योग्यता और अनुभव पर.
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क्या कैंसिल हो जाएगा चैंपियंस ट्रॉफी 2025, पाकिस्तान के रवैए ने बढ़ाई परेशानी
Champions trophy 2025 : क्या चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन विवादों की वजह से स्थगित कर दिया जाएगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि 2017 के बाद लगभग सात साल बाद जब टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है तो एक नई परेशानी सामने आ गई है. टूर्नामेंट का मेजबान देश पाकिस्तान है और आईसीसी के लिए सबसे अहम माना जाने वाला देश भारत वहां जाकर मैच खेलेगा नहीं.
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Assisted Dying Bill : अब मांगने से मिलेगी मौत, सांसदों ने उठाया ऐतिहासिक कदम
Assisted Dying Bill : कई बार जिंदगी इतनी नीरस और पीड़ादायी हो जाती है कि जीने की इच्छा शेष नहीं रहती और जिंदगी से खूबसूरत मौत लगने लगती है. जिस किसी भी व्यक्ति के जीवन में इस तरह की परिस्थिति बनेगी, सरकार आगे आकर उसे मौत के आगोश में सौंप देगी. जी हां, अब इच्छामृत्यु अवैध नहीं रहेगा, बल्कि यह कानूनी बनने की ओर अग्रसर है.
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Rule 267 पर राज्यसभा में मचा बवाल, सभापति हुए नाराज, सांसदों से कहा-गलत मिसाल...
Rule 267 Rajya Sabha : राज्यसभा की कार्यवाही में नियम 267 का महत्व बहुत अधिक है और राज्यसभा में विशेष परिस्थितियों में ही इस नियम के तहत चर्चा होती है. यह नियम मूलत: सदन की तमाम कार्यवाहियों के निलंबन से जुड़ा है. शुक्रवार को सभापति के पास जब इस नियम के तहत चर्चा के लिए 17 नोटिस आए तो उन्होंने सबकुछ रिजेक्ट कर दिया
Prabhat Khabar Special
इंदिरा की कसावु साड़ी में उनकी छवि बनकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी, क्या उसी...
Priyanka Gandhi Vadra in Parliament : इंदिरा गांधी की छवि में यह 52 वर्षीय महिला क्या राजनीति में वह सबकुछ कर पाएंगी, जो इंदिरा ने किया था?
Prabhat Khabar Special
कौन हैं विष्णु गुप्ता, जिन्होंने अजमेर शरीफ को दरगाह नहीं संकटमोचन महादेव मंदिर बताया?
Ajmer Sharif Dargah : अजमेर शरीफ का दरगाह, दरगाह नहीं बल्कि संकटमोचन महादेव मंदिर है. यह दावा हमारा नहीं बल्कि हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता का है, जिन्होंने अपने दावे के पक्ष में अजमेर की अदालत में याचिका दाखिल किया है. हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता का दावा है कि उनका उद्देश्य देश में हिंदू धर्म का उत्थान करना है. वे शरिया कानून के खिलाफ हैं और लव जिहाद का अंत चाहते हैं.