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प्रभु चावला
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Opinion
राहुल को अभी बहुत चलना होगा
भारत जोड़ो यात्रा ऐसे 200 से अधिक सीटों से गुजरी है, जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है. लोकसभा में शतक बनाने के लिए कांग्रेस कम से कम 50 सीटें जीतने की आशा कर रही है.
Opinion
आत्मसम्मान युक्त हो आत्मनिर्भर भारत
आठ साल बाद भी पुराने भारत के काम करने का पुराना तरीका बदला नहीं है. नौकरशाही में संकुचन नहीं आया है. सरकारी खर्च में 2016 के 12.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2021 में 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हुई है.
Opinion
मेक इन इंडिया का मंत्र ही बचायेगा
व्यवसायों, मेडिकल और राजनीति की शोरगुल से भारी आवाजें बता रही हैं कि संस्थाएं मौजूदा संकट और भविष्य की चुनौतियों के सामने असफल रही हैं. यह अजीब है कि महामारी की भविष्यवाणी करनेवालों की संख्या अधिक है. इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बिल गेट्स भी शामिल हैं.
Opinion
भारतीय हो पूंजीवादी मॉडल
पूंजीवाद के गढ़ के रूप में स्थापित लंदन में राष्ट्रीय आफत के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आइसीयू में थे. कोविड-19 के खतरनाक प्रसार से मंत्री, हॉलीवुड अभिनेता, रॉक स्टार, राजपरिवार व बेहद अमीर भी नहीं बच पाये. शहरी अभिजात्य वर्ग का प्रतिरक्षा स्तर सभी मौसमी बदलावों के लिए उपयुक्त नहीं है.
Opinion
जख्मी होती चीन की अर्थव्यवस्था
चीन में उत्पन्न वायरस ने पूरी दुनिया में उपद्रव मचा दिया है.कोविड-19 ने यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका को विक्षत कर दिया है. इस युद्धका अंतिम आर्थिक परिणाम दो महाशक्तियों द्वारा तय किया जायेगा- भारतीयहाथी और चीनी ड्रैगन
Opinion
अपराधियों पर सख्त लगाम
उदारवादी पुलिस-बल के खतरनाक इस्तेमाल पर नाराज हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि पीड़ितों को भी मर्यादा के साथ जीने का अधिकार है.
Opinion
युवा पीढ़ी की पायलट योजना
21वीं सदी की राजनीति विचारधाराओं की नहीं, बल्कि व्यक्तियों के बीच गतिरोध की है. उम्र के साथ, अति महत्वाकांक्षी नेता सत्ता खेल के नियमों को निर्धारित कर रहे हैं.
Opinion
गांधी परिवार की कांग्रेस
यह उन लोगों के लिए चेतावनी है, जिसने भी गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी को कमतर करने की कोशिश की, उन्हें पार्टी इतिहास के फुटनोट में भी जगह नहीं मिलेगी.है. एक गांधी बनाम दूसरा गांधी ही होता है. इसे मानें या न मानें. वल कांग्रेस मात खाती है. एक गांधी बनाम दूसरा गांधी ही होता है.
Opinion
विश्वसनीयता खो रहा है टेलीविजन
नये दौर की पत्रकारिता में मीडिया की ताकत विश्वसनीयता के बजाय उपभोक्ताओं के बदलते व्यवहार पर निर्भर है. विवादास्पद कंटेंट सबसे तेज बिकनेवाला न्यूज प्रोडक्ट है.