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प्रभु चावला
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Badi Khabar
नये साल में चुनाव, मुद्दे और दल
अजेय और भरोसेमंद होने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि हालिया चुनावों में और पक्की हुई है. भाजपा का ठोस विकल्प बनाने का विचार पिछले साल आया, पर अंततः विपक्षी खेमे में विचारधारा और नेतृत्व को लेकर दरारें पड़ गयीं. हाल में कांग्रेस की हार विपक्ष को किसी तरह एकजुट होने को मजबूर करेगी.
Opinion
विपक्षी गठबंधन को नेता नहीं, नारे की जरूरत
गठबंधन को एक प्रभावी नारे की दरकार है, जो सुर्खियों में आये और असरदार हो. उन्हें ‘मोदी की गारंटी कारवां’ की काट निकालनी होगी, जो इस संदेश के साथ देश भ्रमण पर है कि राष्ट्रीय विकास के लिए एकमात्र गारंटी मोदी हैं. तथ्य बताते हैं कि चुनाव किसी नेता के विरुद्ध नैरेटिव बनाकर नहीं जीते जाते.
Opinion
नयी राजनीति और मुख्यमंत्रियों का चयन
साल 2018 में भाजपा तीनों राज्यों में हार गयी थी, फिर भी 2019 में मोदी ने 65 में 62 सीटें जीतीं. राज्य के मामलों में उनकी सक्रिय भागीदारी मजबूत राज्य और मजबूत केंद्र को एकजुट करती है. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ सुनिश्चित करने के लिए मोदी का एजेंडा है- ‘एक देश, एक नेता.’
Opinion
बेतहाशा महंगी होतीं उड़ान सेवाएं
भारतीय यात्रियों पर दोहरी मार पड़ी है: बढ़ता किराया और गिरती गुणवत्ता. भारतीय आसमान एयरलाइनों की मुनाफाखोरी का अड्डा बन गया है, जिस पर सरकार और उसकी नियामक एजेंसियों का कोई नियंत्रण नहीं है.
Opinion
राहुल का पीड़ित कार्ड राजनीतिक है
शायद राहुल गांधी के सलाहकारों को लगता है कि पीड़ित कार्ड खेलने और मोदी पर सीधे हमला करने से राहुल को व्यापक स्वीकार्यता मिलेगी, जिससे उन्हें बेहद लोकप्रिय मोदी के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित किया जा सकेगा.
Opinion
फिलीस्तीन की आड़ में तुष्टीकरण
केरल फिलीस्तीन एकजुटता के नाम पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की खतरनाक विभाजनकारी प्रतिस्पर्धी प्रदर्शनवाद के जिन्न से ग्रस्त है. मुस्लिम लीग द्वारा समर्थित सत्तारूढ़ सीपीएम इस्राइल के खिलाफ उग्र बयानबाजी में पीछे नहीं है.
Badi Khabar
प्रदूषण पर राजनीति घातक है
भारत के पास ठोस वाहन नीति का अभाव है. कोई राज्य वाहनों के उत्पादन की सीमा तय करने के लिए इच्छुक नहीं है. केंद्र सरकार भी सत्ताधारी दल द्वारा शासित राज्यों में अनेक रियायतें देकर कंपनियों को संयंत्र लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है.
Opinion
विधानसभा चुनाव में स्थानीय पर जोर
आधी सदी से अधिक समय से मध्य प्रदेश की राजनीति पर रजवाड़ों और उच्च वर्गों का वर्चस्व रहा है. साल 1956 में राज्य बनने के बाद से वहां पहले तीन दशक में 12 कांग्रेसी मुख्यमंत्री हुए, जिनमें अधिकतर ब्राह्मण या ठाकुर थे. भाजपा (जनता पार्टी के रूप में) ने 1977 में कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ा
Opinion
गाजा संकट और अमीर मुस्लिम देश
सऊदी अरब, कतर, यूएइ, तुर्की के अलावा इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों ने विकास के मामले में बाकी दुनिया की राह पकड़ी है. सऊदी अरब अब लुभावने विज्ञापन के जरिये अपनी छवि चमका रहा है. यूएइ पहले से ही पर्यटकों और व्यवसायियों के लिए एक मनपसंद जगह रहा है.