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Saturday, April 19, 2025 | 11:10 pm

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मोहन गुरुस्वामी

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विकास के लिए जरूरी है स्वच्छ भारत

आगामी तीन दशकों में 45 करोड़ और लोगों के जुड़ने से देश की शहरी आबादी लगभग दुगुनी हो जायेगी. यह शहरीकरण आर्थिक बढ़ोतरी का भी प्रमुख कारक होगा.

खेती को और लाभप्रद बनाना होगा

खेती को और लाभप्रद बनाना होगा

अर्थव्यवस्था की राह मुश्किल भरी

पंद्रह लाख रुपये से कम की सालाना आमदनी पर नये कर नहीं लगे हैं और कुछ छूट भी दी गयी है. लेकिन दो लाख रुपये मासिक से अधिक कमानेवालों पर नये करों से बोझ बढ़ा है.

आदिवासियों के मुद्दों पर ध्यान जरूरी

सभी आदिवासी बहुल क्षेत्रों को प्रशासनिक विभागों में बांटकर, उसके अधिकार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेतृत्व के हाथ में दिया जाना चाहिए.

तंबाकू पर पाबंदी समय की मांग

भारत में धूम्रपान करनेवाले लगभग 12 करोड़ लोग हैं तथा यहां हर साल तंबाकू सेवन की वजह से एक करोड़ से अधिक लोगों की मौत होती है.

अफगानिस्तान मसले के कई पेच

अगर अफगानिस्तान में हालात बेकाबू होते हैं, तो उनका अधिकांश फैलाव पाकिस्तान में होगा, जो अपने को ही तबाह करने पर आमादा है.

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र में सुधार हो

आर्थिक सत्ता संतुलन एशिया की ओर खिसक रहा है. साम्यवाद की तरह थोपी गयी वाशिंगटन सर्वसम्मति की विचारधारा असफल होती दिख रही है.

राष्ट्र नहीं, शासन तंत्र होते हैं विफल

राज्य वह है, जिसकी स्पष्ट और स्वीकार्य सीमा है, जबकि राष्ट्र सीमाओं से परे भी हो सकता है. आधुनिक भारत साझा सपनों और आकांक्षाओं का एक राज्य है.

इतिहास का पुनर्लेखन जरूरी

आज हमारे विद्यालयों में पढ़ाये जानेवाले भारतीय इतिहास को देखें, तो यह पराजितों का इतिहास है. इसका अधिकांश हिस्सा सिंधु-गंगा मैदान के घटनाओं का एक सिलसिलेवार विवरण है.
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