Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
30.7 C
Ranchi
Sunday, April 20, 2025 | 11:56 pm

BREAKING NEWS

मोहन गुरुस्वामी

Browse Articles By the Author

वित्तीय घाटे की बेमतलब चिंता

यह जादुई सीमा शानदार सूट पहननेवाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वॉल स्ट्रीट के लोगों द्वारा निर्धारित की गयी थी. हमने इसे दैवीय वचन के रूप में मान लिया है और यह समझने लगे हैं कि वित्तीय घाटा ही सभी समस्याओं की जननी है.

हिंद महासागर में घेरें चीन को

वर्ष 1979 में चीन ने वियतनाम के लैंग सोन प्रांत पर हमला कर दिया. इससे एनवीए (नॉर्थ वियतनामीज आर्मी)20 किलोमीटर अंदर चली गयी. पीएलए(पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) अतिक्रमण करते हुए अंदर दाखिल हुई और इस जीत के लिए शेखी मारने लगी. इसके बाद वियतनामी सैन्य कमांडर जनरल वान तियन दंग ने ट्रैप को बंद कर तोपों के घातक हमले से पीएलए को वहीं ढेर कर दिया.

क्या है हमारी पहचान

पुरातत्वविदों का मानना है कि सभ्यता का अवसान सिंधु घाटी की प्रमुख नदी घग्गर-हाकरा नदी (सरस्वती) के जलमार्ग परिवर्तन के साथ ही शुरू हुआ. इसी वजह से कृषि आधारित अर्थव्यवस्था नष्ट हो गयी. इससे घनी आबादी वाले शहरों मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में विकराल समस्याएं पैदा हो गयीं.

अर्थव्यवस्था में गति लाना जरूरी

रिकवरी फंड के लिए सरकार आसानी से जीडीपी के 5-6 प्रतिशत यानी 10-12 लाख करोड़ का लक्ष्य बना सकती है. फौरी तौर पर, आपात अवधि के दौरान बीपीएल लोगों के जनधन खातों में 3000 रुपये प्रतिमाह डाला जा सकता है.

बिहार को आर्थिक मदद की जरूरत

बिहार को उबारने के लिए अभी केंद्र द्वारा जो मदद मिली है, उसे दोगुना करने की आवश्यकता है ताकि यह राज्य राष्ट्रीय विकास में अपना समुचित योगदान दे सके.

संभ्रांत वर्ग का स्मार्ट बनने का दिखावा

मनोवैज्ञानिक पॉल पिफ और डेचर केल्टनर के शोध के मुताबिक, असाधारणवाद की भावना के कारण एलीट लोगों में कम दयालु होने की प्रवृत्ति पैदा होती है.

आस्था और परंपरा के मायने

परंपराएं अक्सर बिना सोचे-समझे या समय के साथ उनकी प्रासंगिकता का ध्यान रखे बिना निभायी जाती हैं और यह भी नहीं सोचा जाता है कि वे हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं.

अमेरिका में ‘देसी’ का दबदबा

अमेरिका के समृद्ध आय वाले समुदाय के तौर पर देसी अब अमेरिकी राजनीति में प्रभावशाली भूमिका में हैं. भारतीय हितों के लिए वे अपनी भूमिका निभा रहे हैं, चाहे वह असैन्य परमाणु समझौता हो या वर्क वीजा की संख्या बढ़ाने की बात हो

भंवर में अमेरिकी चुनाव का नतीजा

बुश बनाम गोर मामले की तरह इस चुनाव के भी सुप्रीम कोर्ट के सामने जाने के आसार हैं, जहां ट्रंप द्वारा बड़ी तादाद में आये पोस्टल बैलट पर सवाल उठाया जायेगा.
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels