Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
27 C
Ranchi
Tuesday, April 22, 2025 | 06:38 am

BREAKING NEWS

ज्यां द्रेज

Browse Articles By the Author

वास्तविक मजदूरी ठहराव की शिकार है

अगर वास्तविक मजदूरी बढ़े, तो संभावना यही है कि कामगारों की आमदनी बढ़ेगी और उनका रहन-सहन बेहतर होगा. वहीं वास्तविक मजदूरी में ठहराव आ जाये, तो गरीबी में कमी लाने के लिहाज से यह चिंता का विषय है

ग्रामीण विकास में नरेगा योगदान कर सकता है

नरेगा की भूमिका किसानों को ऐसे उत्पादक निवेश करने में सक्षम बनाना है, जो आम तौर पर उनकी पहुंच से बाहर है. यह सिर्फ एक कल्याणकारी योजना नहीं है, बल्कि एक ठोस आर्थिक उद्यम है.

बढ़ाया जाये जन वितरण प्रणाली का दायरा

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम पर ज्यादा खर्च करना जरूरी है. मध्याह्न भोजन और समेकित बाल विकास योजना के लिए भी पिछले आठ वर्षों में राशि की भयंकर कमी रही है

खाद्य सुरक्षा की चुनौतियां

फौरी जरूरत अपेक्षाकृत गरीब राज्यों (खासकर पूर्वी क्षेत्र के) को अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की है, ताकि वे अपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार कर सकें, भले ही यह अस्थायी तौर पर हो.

कठिन है खोया आधार नंबर जानना

आधार नंबर खो जाने के कारण बिहार और झारखंड में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें किसी भी सामाजिक योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. खोये हुए आधार नंबर को ढूंढना हमारे और आपके लिए शायद मामूली प्रक्रिया होगी, लेकिन वंचित लोगों के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. हाल में एक गरीब मुसहर महिला रीना देवी का संघर्ष आधार की मूल संरचना में इस चिंताजनक त्रुटि को उजागर करता है. बहुत से लोगों के पास आधार संख्या का एक ही दस्तावेज होता है- उनका आधार कार्ड. रीना के अनुभव से हमें पता चला कि आधार कार्ड खो जाने पर कैसे एक परिवार को सभी सामाजिक योजनाओं के लाभ से वंचित होने का खतरा है.

आधार भुगतान में खामियां दूर हों

एइपीएस उन लोगों के लिए एक गंभीर जोखिम है, जिन्हें नहीं पता कि यह काम कैसे करता है और उनके साथ यह धोखाधड़ी का साधन बन सकता है. एइपीएस की खामियों को कम करना संभव है.

योजनाएं बेसहारों का सहारा बनें

शुरू में यह सोचा गया था कि एनएफबीएस के अंतर्गत मुहैया कराये जा रहे लाभ की सीमा भारत के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के 80 प्रतिशत तक रखी जाये.

बुजुर्गों को मिले सम्मानजनक जीवन

भारत में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए गैर-अंशदायी पेंशन की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं. दुख की बात है कि पुरानी और अविश्वसनीय बीपीएल सूचियों के आधार पर एनएसएपी के लिए पात्रता 'गरीबी रेखा से नीचे' यानी बीपीएल परिवारों तक ही सीमित है.
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels