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Tuesday, April 22, 2025 | 05:17 am

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डॉ अश्विनी

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राजनीति व अर्थव्यवस्था में घुन है मुफ्तखोरी

समझना होगा कि मुफ्तखोरी की यह राजनीति देश की अर्थव्यवस्था और शासन व्यवस्था के लिए अमंगलकारी है, जिसे आम सहमति से रोकने की जरूरत है.

क्या पुतिन को झुका पायेंगे पश्चिमी देश

रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध थोपना गलत है, लेकिन ‘नाटो’ देशों द्वारा यूक्रेन में प्रवेश की कोशिश उसके मूल में है. यदि यूक्रेन और ‘नाटो’ देश अपनी हठधर्मिता छोड़ दें, तो शांति भी स्थापित हो सकती है और आर्थिक संकट भी दूर हो सकते हैं.

जाति प्रथा को उखाड़ फेंकने की जरूरत

शाखा में आने वाले स्वयंसेवकों से उनकी जात-बिरादरी, भाषा-प्रांत, वेश-भूषा आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता, बल्कि इन विषयों के बारे में संघ की कार्यप्रणाली में प्रश्न करने की भी प्रथा नहीं है.

जीएम सरसों की खेती नुकसानदेह

जीईएसी का ज्यादा उत्पादकता का दावा सही नहीं है क्योंकि भारत के सरसों एवं रेपसीड शोध संस्थान का कहना है कि देश में डीएमएच-11 से कम से कम 25 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादकता देने वाली किस्में पहले से ही विकसित की जा चुकी हैं.

डेटा संप्रभुता समय की मांग

विकसित देश अपनी कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता को सुविधाजनक बनाने के लिए डेटा के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं. डेटा का मुक्त प्रवाह विकसित और विकासशील देशों के बीच एक असममित संबंध बनायेगा तथा विकासशील देशों की फर्मों को नुकसानदेह स्थिति में डाल देगा.

रोकना होगा चीन से बढ़ता आयात

भारत भी अगर आयात शुल्कों में वृद्धि करता है, तो उसके दो लाभ होंगे. एक, व्यापार घाटा कम होगा और विदेशी मुद्रा पर बोझ भी घटेगा. दूसरा, देश में उन उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और मैनुफैक्चरिंग जीडीपी में वृद्धि के साथ रोजगार निर्माण भी होगा.
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