Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
27.9 C
Ranchi
Monday, April 21, 2025 | 03:43 am

BREAKING NEWS

Ashutosh Chaturvedi

मीडिया जगत में तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव. भारत की हिंदी पत्रकारिता में अनुभवी और विशेषज्ञ पत्रकारों में गिनती. भारत ही नहीं विदेशों में भी काम करने का गहन अनु‌भव हासिल. मीडिया जगत के बड़े घरानों में प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का अनुभव. इंडिया टुडे, संडे ऑब्जर्वर के साथ काम किया. बीबीसी हिंदी के साथ ऑनलाइन पत्रकारिता की. अमर उजाला, नोएडा में कार्यकारी संपादक रहे. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ एक दर्जन देशों की विदेश यात्राएं भी की हैं. संप्रति एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं.

Browse Articles By the Author

जल संकट के लिए तैयार रहिए

समस्या केवल कम बारिश की नहीं है. बारिश होती भी है, तो हम जल संरक्षण नहीं करते. अपने तालाबों को हमने पाट दिया है. शहरों में तो उनके स्थान पर बहुमंजिले अपार्टमेंट और मॉल खड़े हो गये हैं.

संयत भाषा का इस्तेमाल करें नेता

लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष जरूरी होता है, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों की जो स्थिति है, उसने विपक्ष को बेहद कमजोर कर दिया है. अब हालत यह है कि 1885 में स्थापित कांग्रेस आज अपनी प्रासंगिकता के लिए संघर्ष कर रही है. इस साल अनेक राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव हैं.

नियम-कानून से ऊपर कोई नहीं है

अपने देश में नेता व अधिकारी और उनके परिजनों की दबंगई के मामले रोजाना सामने आते हैं. यह बात कोई छुपी हुई नहीं है कि भारत में प्रशासनिक कामकाज में भारी राजनीतिक हस्तक्षेप होता है. जब भी किसी पहुंच वाले शख्स को पुलिस पकड़ कर ले जाती है, तो उसे छुड़वाने के लिए स्थानीय रसूखदार नेताओं के फोन आ जाते हैं.

क्या खुशियां खरीदी जा सकती हैं

अमेरिका की सामाजिक संरचना भारतीय समाज से भिन्न है. वहां समाज भौतिकवादी और पूंजीवादी व्यवस्था से संचालित है. वहां ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है, जो मानते हैं कि पैसे से खुशियां खरीदी जा सकती हैं

विमर्श के केंद्र में हों किसान

किसान अपनी फसल में जितना लगाता है, उसका आधा भी नहीं निकलता है. छोटी जोत के किसानों के समक्ष सबसे अधिक संकट है. उन्हें उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है. उनका उत्पाद तो मंडियों तक भी नहीं पहुंच पाता है. बीच में ही बिचौलिये उन्हें औने-पौने दामों में खरीद लेते हैं.

हिंदी को प्रासंगिक बनाए रखने की चुनौती

चिंताजनक बात यह है कि विश्व हिंदी सम्मेलन या अन्य ऐसे आयोजनों में हिंदी के समक्ष चुनौतियों पर कोई गंभीर विमर्श नजर नहीं आता है. इस विश्व हिंदी दिवस के सत्रों में भी अव्यवस्था का आलम था.

12वां विश्व हिंदी सम्मेलन: 81 साल के हिंदी प्रेमी प्रो तामियो मिजोकामी

पद्मश्री को लेकर विनोदी भाव से कहते हैं, ‘पद्मश्री के मामले में भारत के विदेश मंत्री डॉ जयशंकर से मैं सीनियर हूं. डॉ जयशंकर को तो यह सम्मान 2019 में मिला, मैं 2018 में ही पद्मश्री से सम्मानित हो गया था.’

हिंदी को अपनानी होगी कृत्रिम मेधा : मुरलीधरन

उन्होंने कहा, न केवल हिंदी, बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं को और व्यापक बनाना होगा, मौजूदा दौर की चुनौतियों को पहचानना होगा और उन्हें रोजगार से जोड़ना होगा, अन्यथा उनके पिछड़ जाने का खतरा है.

फिजी डायरी: बूला और विनाका का देश

हिंदी सम्मेलन के दौरान भारतीयों का खुले दिल से स्वागत से यह प्रत्यक्ष महसूस किया जा सकता है. यह एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी नौ लाख से थोड़ी अधिक है, जिसमें 40 फीसदी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels