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अजीत रानाडे
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Opinion
रोकना होगा भूजल का मनमाना दोहन
भारत के पास दुनिया के ताजे पानी का महज दो प्रतिशत हिस्सा है, पर वैश्विक जनसंख्या का 17 प्रतिशत भाग है.
Opinion
उत्साहजनक है जीडीपी में उच्च वृद्धि
अमूमन जीडीपी और जीवीए में मामूली अंतर होता है तथा यह सब्सिडी को छोड़कर करों के शुद्ध असर को प्रतिबिंबित करता है.
Badi Khabar
शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार जरूरी
साल 2024 में लगभग 12.32 लाख छात्रों ने जेइइ मेंस के लिए पंजीकरण कराया है, जबकि 23 आइआइटी संस्थानों में कुल सीटें 16,232 ही हैं. सफलता का अनुपात मात्र 1.3 प्रतिशत है, जो दुनियाभर में सबसे कठिन परीक्षाओं में है. कौन कह सकता है कि जो प्रवेश नहीं ले पाये, वे अच्छे छात्र नहीं हैं ?
Badi Khabar
बजट में उत्कृष्ट वित्तीय संयम
वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद को यह याद दिलाया कि वित्तीय घाटे के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के छह प्रतिशत रखने के लक्ष्य को चालू वित्त वर्ष में हासिल कर लिया गया है. उल्लेखनीय है कि इस लक्ष्य से बेहतर उपलब्धि रही है और वित्तीय घाटा 5.8 प्रतिशत के स्तर पर है. वित्तीय सादगी के लिए यह एक अच्छी खबर है.
Badi Khabar
अंतरिम बजट के लिए कुछ सुझाव
बजट भाषण में नियमित खर्चों के साथ-साथ उन्हीं मदों का उल्लेख होगा, जिन्हें टाला नहीं जा सकता है. इसमें उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर राजस्व के अनुमान भी होंगे. हमें बड़े सुधारों या कल्याण कार्यक्रमों की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
Badi Khabar
अर्थव्यवस्था सकारात्मक दिशा में
आर्थिक संभावनाओं का सकारात्मक पहलू है संरचनात्मक कारकों का मजबूत होना. इसमें युवा आबादी और बढ़ता श्रम बल, तेज शहरीकरण, हरित अर्थव्यवस्था पर बढ़ता खर्च और बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर आकांक्षा शामिल हैं. साथ ही, सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में लगातार तेजी बनी हुई है.
Badi Khabar
बढ़ते कर्ज भार पर ध्यान देने की जरूरत
भारत के पक्ष में दो बिंदु हैं. पहला-कर्ज का बड़ा हिस्सा घरेलू मुद्रा में है, इसलिए सरकार पर डॉलर दायित्व नहीं है. दूसरा-भारत का कार्यबल युवा है व निर्भरता अनुपात अगले कम से कम सकारात्मक रहेगा. एक सेवानिवृत व्यक्ति पर हमारे देश में 5 से अधिक कामकाजी लोग हैं. लेकिन कामगारों की प्रति व्यक्ति आय कम है.
Opinion
उपभोक्ता व्यय में निरंतर वृद्धि आवश्यक
अगर मध्यम अवधि में वास्तविक जीडीपी को सात प्रतिशत की दर से बढ़ाते रहना है, तो उपभोक्ता व्यय में छह से सात प्रतिशत बढ़ोतरी करनी होगी. उपभोक्ता व्यय में निरंतर बढ़ोतरी के लिए रोजगार, पारिश्रमिक और खुदरा कर्ज में लगातार वृद्धि आवश्यक है.
Opinion
अभी गोल्ड बॉन्ड से आस न छोड़ें
जब पहले चरण के निवेशक अपने बॉन्ड को भुनायेंगे, तो उन्हें आठ साल में प्रति वर्ष 12 फीसदी से अधिक की दर से लाभ होगा. इसकी वजह यह है कि इस अवधि में सोने का भाव दुगुने से भी अधिक हो गया है. नवंबर 2015 में एक ग्राम सोने का भाव 2,684 रुपये था, जो अब लगभग छह हजार रुपये हो चुका है.