सर्द रातों में,

टिमटिमाते तारों के नीचे,

मेरा हाथ थामे चलना तुम

मुझे बाहों में भर के,

मेरे कांधे पे अपना सिर रख के,

मुझसे सारी रात बातें करना तुम

मेरी आँखों में डूब के,

मेरे लबों को चूम के,

मुझसे प्यार का इज़हार करना तुम

कभी जो हो जाऊं ख़फा तुमसे,

तो अपनी बचकानी हरकतों से

मुझे हँसा कर मना लिया करना तुम

शायद मैं ये कह न पाऊँ,

की कितनी मोहब्बत है तुमसे मुझे,

मेरी धड़कनो को महसूस कर समझ जाया करना तुम

कितने भी मुश्किल हों हालात,

चाहे छोड़ जाएं सब साथ,

पर हाथ छुड़ा मुझसे कभी दूर ना जाना तुम

– शिव सिंह