21.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 08:45 pm
21.1 C
Ranchi
No videos found

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

चित्रकुट की पहाड़ों से जड़ी-बुटी बेचने आयी महिलाओं के समक्ष भुखमरी की स्थिति

Advertisement

चित्रकुट की पहाड़ों से जड़ी-बुटी लेकर बिहार के गोपालगंज शहर में पहुंचे एक दर्जन परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दाने-दाने को मोहताज हुए परिवार के सदस्य शहर की सड़कों पर लोगों से सहयोग मांगते देखे जा रहे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गोपालगंज. चित्रकुट की पहाड़ों से जड़ी-बुटी लेकर बिहार के गोपालगंज शहर में पहुंचे एक दर्जन परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दाने-दाने को मोहताज हुए परिवार के सदस्य शहर की सड़कों पर लोगों से सहयोग मांगते देखे जा रहे. गुरुवार की सुबह 10.30 बजे डाकघर चौक के पास कलेक्ट्रेट रोड में सहयोग की उम्मीद लिये बैठी कस्तुरी बाई, कांची, गांजी, आशा बाई अपने तीन मासूम बच्चों के साथ लोगों की तरफ देख रही थी. कस्तुरी ने कहा कि पेट में आग लगी हो बाबू तो मौत की परवाह क्या करना. पहले पेट की आग बुझे तो मौत से भी लड़ लेंगे. दिनभर लोगों से सहयोग मांगते है तो तो रोटी का इंतजाम होता है.

तीन दिनों से फाकाकसी के बीच पैर टेंट में रूक नहीं पाया. यह कहते हुए कस्तुरी रो पड़ी. लॉकडाउन होने के कारण सड़कों पर सन्नाटा के बीच कस्तुरी के साथ बैठी महिलाओं को देख चुपचाप लोग चलते जा रहे थे. कस्तुरी से जब पूछा गया कि कोरोना की महामारी में कचरा क्यों चुन रही तो उसकी दर्द सामने आया. कहा कि चित्रकुट से जड़ी-बुटी बेचने आयी थी. तभी चारो तरफ से आने-जाने का रास्ता बंद हो गया. दुकान को भी पुलिस वालों ने बंद करा दिया. घर में खाने का नहीं तो क्या करे.

जान बचाने के लिए सड़क पर सहयोग के लिए निकलना पड़ा. मिलने वाला पैसा से राशन खरीदेगी. कोरोना क्या करेगा. भूख से जान बचेगी तो ना कोरोना का डर है. यहां तो जान बचाने की आफत है. सरकार के पास कई योजनाएं ऐसे लोगों के लिए चल रही है. उधर, एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल से पूछने पर बताया कि खाने के लिए शहर में पांच कम्युनिटी किचेन सेंटर खोला गया है. यहां भेज दे तो रहने व खाने का इंतजाम हो जायेगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर