19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 10:09 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

1350 किमी साइकिल चला कर दिव्यांग मामा को फरीदाबाद से गया ले आया बब्लू

Advertisement

दरभंगा की ज्योति की तरह ही आमस के ग्राम झरी टोला थाड़ही निवासी 22 वर्षीय बब्लू ने अपने बुलंद हौसलों के बदौलत इतिहास रच दिया. उसने 1350 किमी साइकिल चला कर अपने दिव्यांग मामा को फरीदाबाद से गया ले आया. बब्लू चार सालों से फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के लोहा फैक्ट्री में काम करता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आमस (गया) : दरभंगा की ज्योति की तरह ही आमस के ग्राम झरी टोला थाड़ही निवासी 22 वर्षीय बब्लू ने अपने बुलंद हौसलों के बदौलत इतिहास रच दिया. उसने 1350 किमी साइकिल चला कर अपने दिव्यांग मामा को फरीदाबाद से गया ले आया. बब्लू चार सालों से फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के लोहा फैक्ट्री में काम करता है.

कुछ दूरी पर दिव्यांग मामा सत्येंद्र यादव भी रबर फैक्ट्री में काम करते थे. सत्येंद्र आमस थाना क्षेत्र की महुआवां पंचायत अंतर्गत प्राणपुर गांव के रहनेवाले हैं. लॉकडाउन से सिर्फ एक माह पहले काम करने फरीदाबाद गये थे. बब्लू ने बताया कि अचानक लॉकडाउन से काफी परेशानी बढ़ गयी. एक महीने तक किसी तरह झेलते रहे.

लेकिन, जब हालत दयनीय हो गयी, तो प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया लेकिन राशन नहीं मिला. अंत मे दो हजार रुपये में पुरानी साइकिल खरीद कर घर के लिए मामा के साथ निकल पड़े. सत्येंद्र यादव ने अपने भांजे बब्लू का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि रास्ते में पुलिस बार-बार कहती थी कि जहां से आये हो वहां वापस जाओ. दो लोगों को एक साइकिल पर देख कर पुलिस बहुत तंग करती थी.

आठ दिनों में पहुंचा घररोज 170 किमी साइकिल चला कर बब्लू आठ दिनों में पहुंचा है. उसने बताया कि इस दौरान कई जगहों पर पुलिस के डंडे भी खाने पड़े. पुलिस के भय से कहीं कहीं गांव के रास्ते से जाना पड़ता था.

इसमें करीब 200 किलोमीटर एक्स्ट्रा साइकिल चलानी पड़ी. किसी-किसी जगह साइकिल को कंधे पर भी उठाना पड़ा. वाराणसी और इलाहाबाद में साइकिल अचानक खराब होने से गिर पड़े. मामा के पैर बैठे-बैठे सूज गये थे. दो दिनों तक भूखे रह कर साइकिल चलाना पड़ा.

Posted By : Shaurya Punj

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें