13.1 C
Ranchi
Sunday, February 16, 2025 | 03:37 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जंग का मैदान बनते टीवी स्टूडियो

Advertisement

मामला अदालत में है. जांच चल रही है. ऐसी स्थिति में टीवी के डिबेट में फैसला सुना देना एक सभ्य और मनुष्यता के आग्रह वाले समाज में खतरनाक मानसिकता का द्योतक है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

हम सब चाहते हैं कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की गहन जांच हो और सारे रहस्यों पर से परदे उठें. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ इसकी जांच कर भी रही है. इसके अलावा दो अन्य एजेंसियां इडी और नारकोटिक्स ब्यूरो भी इससे जुड़े मुद्दों पर जांच कर रही हैं.

सीबीआइ रिया चक्रवर्ती और सुशांत के करीबी लोगों से इस केस की बाबत पूछताछ कर रही है और मौत की असली वजह जानने की कोशिश कर रही है. सुशांत सिंह राजपूत अपने मुंबई स्थित मकान में 14 जून को मृत पाये गये थे. बाद में मुंबई पुलिस ने कहा था कि उन्होंने खुदकुशी कर ली है. हालांकि परिवार का आरोप है कि सुशांत की हत्या हुई है.

हम सब जानते हैं कि देश इस वक्त कई गंभीर मसलों से जूझ रहा है, लेकिन पिछले करीब दो महीने से अधिकांश टीवी चैनलों पर सिर्फ बॉलीवुड अभिनेता रहे सुशांत और रिया चक्रवर्ती से जुड़ी ही खबरें पेश की जा रहे हैं. इसे लेकर उनमें जिस तरह की गला काट प्रतिस्पर्धा चल रही है, वह चिंता जगाती है. ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल और मार्केट रिसर्च कंपनी नील्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार 25 जुलाई से 21 अगस्त तक टीवी चैनलों पर सुशांत सिंह की मौत से जुड़े विवाद ही छाये रहे.

देश की अन्य सभी खबरें दब गयीं. मैं खुद मीडियाकर्मी हूं और अमूमन इस पर टीका-टिप्पणी करने से बचता हूं, लेकिन बात इतनी आगे निकल गयी है कि इससे बच कर निकला नहीं जा सकता. इस मुद्दे पर तो टीवी चैनलों के बीच पाले खिंच गये हैं. इससे जुड़ी खबरों के प्रसारण पर इतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है कि चैनलों ने शालीनता की सभी हदें तोड़ दीं.

एक दूसरे के खिलाफ उन्मादी और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करने लगे हैं. भारतीय प्रेस परिषद ने सुशांत मामले पर कई मीडिया संस्थानों के कवरेज पर कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा कि मीडिया को जांच के तहत मामलों को कवर करने में पत्रकारिता के आचरण के मानदंडों का पालन करना चाहिए.

प्रेस परिषद ने मीडिया को समानांतर मुकदमा नहीं चलाने की नसीहत दी है. कहा है कि मीडिया को इस तरह से खबरों को नहीं दिखाना चाहिए, जिससे आम जनता आरोपित व्यक्ति की मामले में संलिप्तता पर विश्वास करने लग जाए. उसने अफसोस के साथ इस बात को संज्ञान में लिया है कि कई मीडिया संस्थानों द्वारा पत्रकारिता आचरण के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.

इस मामले में जिस तरह का व्यवहार टेलीविजन चैनल के पत्रकारों द्वारा किया गया, वह वाकई पत्रकारिता पर सवालिया निशान खड़े कर देता है. यही नहीं, ग्राउंड रिपोर्टिंग के अलावा न्यूज चैनल के स्टूडियो में बाकायदा अदालत की तरह फरमान सुनाये जा रहे हैं. लगता है कि टीवी पर स्वस्थ बहस की गुंजाइश खत्म होती जा रही है.

टीवी चैनल दर्शक-संख्या बढ़ाने के नये प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. विचारों की दरिद्रता ने उन्हें शाउटिंग स्टूडियो में तब्दील कर दिया है. एंकरों में चिल्लाने और डपटने की होड़ मची है. टीवी में एक और विचित्र बात स्थापित हो गयी है. एंकर जितने जोर से चिल्लाये, उसे उतना ही सफल माना जाता है. ऐसा लगता है कि सीबीआइ के समानांतर चैनलों की जांच चल रही है.

कवरेज को लेकर एक टीवी चैनल की छवि रिया विरोधी की बन गयी, तो दूसरे की समर्थक की. यह चैनलों या किसी भी माध्यम के लिए वाजिब नहीं कहा जा सकता. टीवी चैनलों पर जिस तरह की बहस चल रही हैं, उससे सुशांत को न्याय मिल पायेगा, यह सोचने की जरूरत है. ऐसा लगता है कि चैनल वाले यह भूल जा रहे हैं कि जांच एजेंसी अपना काम कर रही है.

जांच के क्रम में मिले तथ्यों के आधार पर आरोपित दोषी होंगे या बरी, यह बाद में पता चलेगा, मगर अभी किसी को दोषी करार देना, मीडिया के उसूलों के खिलाफ है. हमें पुलिस और मीडिया के फर्क को बनाये रखने की जरूरत है. पुलिस का अपना काम है और मीडिया का अपना. मीडिया का काम है जांच एजेंसियों को उपलब्ध नयी सूचनाओं को दर्शकों तक पहुंचाना, लेकिन यह काम वे नहीं कर रहे हैं.

याद होगा कि लगभग ऐसा ही सनसनीखेज कवरेज जानी-मानी अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत के बाद टीवी चैनलों ने चलाया था. उनकी मौत के बाद दिन-रात चैनलों ने खबरें चलायीं और अटकलों को हवा दी. श्रीदेवी की मौत बाथटब में एक हादसे की वजह से, डूबने से दुबई में हुई थी. यह सही है कि हर शख्स श्रीदेवी के अंतिम पलों के बारे में जानना चाहता था. दुबई के खलीज टाइम्स और गल्फ न्यूज ने बेहद संयत तरीके से खबरें छापीं.

अधिकांश चैनलों की खबरों का स्रोत इन अखबारों की वेबसाइट्स ही थीं, लेकिन जैसे ही दुबई पुलिस ने अपनी फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा कि श्रीदेवी की मौत होटल में बाथटब में दुर्घटनाग्रस्त रूप से डूबने से हुई है, टीवी चैनल जितने तरह के षड्यंत्र हो सकते हैं, वह गिनाने लगे. टीवी चैनलों के दिल्ली और मुंबई स्थित स्टूडियो ने तो ऐसा किया, जैसे घटना के प्रत्यक्षदर्शी बन गये हों.

टीवी चैनलों पर मौत का बाथटब से विशेष कार्यक्रम चल रहे थे. एक चैनल ने अपने एक रिपोर्टर को टब में लिटा दिया और साबित करने की कोशिश की कि जब उसका रिपोर्टर टब में नहीं डूब सकता है, तो श्रीदेवी कैसे डूब सकती हैं? चैनल यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने श्रीदेवी की पुरानी निजी जिंदगी की परतें उधेड़नी शुरू कर दीं. एक चैनल ने तो इसमें दाऊद का एंगेल भी डाल दिया था.

बहरहाल, सुशांत मामले में सोशल मीडिया पर तो रिया चक्रवर्ती के खिलाफ नफरत का सैलाब उमड़ पड़ा है. लोग अपने-अपने तरह से लानत-मलानत कर रहे हैं. किसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना स्वाभाविक है, पर अपनी बातों को थोपना या हम जैसा चाहते हैं, ठीक वैसा ही दूसरा करे, यह मान कर चलना गलत है.

हमें ध्यान रखना होगा कि इस मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई कर रही है. मामला अदालत में है. जांच चल रही है. ऐसी स्थिति में टीवी के डिबेट में फैसला सुना देना एक सभ्य और मनुष्यता के आग्रह वाले समाज में खतरनाक मानसिकता का द्योतक है. फिर तो जांच एजेंसियों और अदालतों की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी. असंयमित प्रतिक्रियाएं अतिरेक के सिवा कुछ नहीं दे सकतीं.

posted by : sameer oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें