26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 06:21 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Good News : समय से किस्त देनेवालों को भी सरकार से मिल सकती है राहत, सभी कर्जदारों को समान लाभ देने की कोशिश

Advertisement

केंद्र सरकार उन कर्जधारकों को कैशबैक दे सकती है जिन्होंने छह महीने के मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया था और समय पर ईएमआइ का भुगतान कर रहे थे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

केंद्र सरकार उन कर्जधारकों को कैशबैक दे सकती है जिन्होंने छह महीने के मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया था और समय पर ईएमआइ का भुगतान कर रहे थे. यही नहीं दो करोड़ रुपये तक कर्ज वाली उन एमएसएमई को भी मुआवजा मिल सकता है, जिन्होंने लॉकडाउन के समय में अपनी किस्त वक्त पर जमा की है. मालूम हो कि लोन मोराटोरियम की अवधि में ब्याज पर ब्याज की छूट देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रख दिया है.

वित्त मंत्रालय की बनायी गयी कमेटी इस बात का आकलन कर रही है कि लोन मोराटोरियम का लाभ उठाने वाले लोगों को कितना फायदा हुआ है. माना जा रहा है कि इसी फायदे के बराबर की राशि उन लोगों को कैशबैक के रूप में दी जा सकती है, जिन्होंने समय पर किस्त जमा की है. वहीं, समय पर भुगतान करने वालों को राहत देने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि सरकार उनके मूल बकाये में से ‘ब्याज पर ब्याजØ’ का एक हिस्सा कम कर दे.

एक सरकारी सूत्र ने बताया कि लोन मोराटोरियम की सुविधा नहीं लेनेवाले अगर इस सुविधा का लाभ उठाते तो उन्हें कितना फायदा होता, इसकी गणना हो सकती है. सूत्र ने बताया कि अपनी परेशानियों के बावजूद किस्त चुकानेवालों को फायदा नहीं देना, उनके साथ अन्याय होगा.

5000-7000 करोड़ रुपये की आयेगी लागत : रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता के अनुसार, सरकार को इस राहत की लागत 5,000 या 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं आयेगी. उन्होंने आगे कहा, बैंकों और एनबीएफसी के कुल कर्जो में से 30-40 प्रतिशत से अधिक राहत के पात्र होंगे. ऐसे में सरकार को इसकी लागत 5,000-7,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं आयेगी.

पहले कर्ज चुकानेवालों को नहीं होता था फायदा : इससे पहले कई बार तमाम सरकारों ने किसानों के कर्ज माफ किये हैं. ऐसे कदमों की केंद्र और रिजर्व बैंक ने भी आलोचना की है क्योंकि उन लोगों को तो फायदा हो जाता है जो अपना कर्ज नहीं चुकाते या नहीं चुका पाते, लेकिन जो किसान ईमानदारी से समय से अपना कर्ज चुका देते हैं, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता. उल्टा देखा जाये तो उनका तो नुकसान ही हो जाता है. अगर वह कर्ज नहीं चुकाते, तो सरकार उनका भी कर्ज माफ कर देती. इस तरह डिफॉल्ट को बढ़ावा भी मिलता है.

Posted by : Pritish sahay

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें