26.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 08:12 pm
26.1 C
Ranchi
HomeRajyaBiharBihar News: इलाज के लिए एंबुलेंस में पड़े रहते हैं गंभीर मरीज,...

Bihar News: इलाज के लिए एंबुलेंस में पड़े रहते हैं गंभीर मरीज, कई को 5 घंटे तो कई को 3 दिन बाद भी बेड नहीं

- Advertisment -

पटना. शहर के आइजीआइएमएस इमरजेंसी व ट्रॉमा सेंटर परिसर के गेट के सामने 11:23 बजे दर्जनों एंबुलेंस कतार में थे. किसी में एक घंटे से मरीज तड़प रहा था, तो कोई तीन घंटे से. मधुबनी जिले के रघुनाथपुर के निवासी 56 वर्षीय बैजनाथ यादव के पेट में तेज दर्द था व दम फूल रहा था. बेटे संतोष यादव पटना आइजीआइएमएस लेकर पहुंचे. तीन घंटे तक भर्ती करने के नाम पर मरीज को रोका गया.

इससे स्थिति और बिगड़ गयी. बाद में बेड खाली नहीं होने की बात कही गयी. बाद में मरीज प्राइवेट अस्पताल में चला गया. यह परेशानी आइजीआइएमएस में रोजाना करीब 80 से अधिक गंभीर मरीजों के साथ हो रही है. समय पर भर्ती नहीं होने से कई गंभीर मरीजों की तो मौत भी हो जा रही है. किसी को पांच घंटे तो किसी को तीन दिन बाद भी बेड नहीं मिल पा रहा है.

दवा बेचने का खेल भी

अस्पताल परिसर व इमरजेंसी एवं ट्रॉमा गेट के सामने करीब छह प्राइवेट दवा दुकान संचालित हो रहे हैं. दवा बेचने के लिए दवा दुकानदारों से सेटिंग कर जानबूझ कर भर्ती के नाम पर एंबुलेंस में रोका जा रहा है. बीते 12 नवंबर को विक्रम प्रखंड से आये भागवत कुमार की आइजीआइएमएस के इमरजेंसी गेट पर ही मौत हो गयी. नाराज परिजनों ने देर रात जमकर हंगामा किया. समय पर इलाज नहीं मिलने से एक सप्ताह में 12 से अधिक मरीजों की मौत इमरजेंसी के गेट पर हो चुकी है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

पटना. शहर के आइजीआइएमएस इमरजेंसी व ट्रॉमा सेंटर परिसर के गेट के सामने 11:23 बजे दर्जनों एंबुलेंस कतार में थे. किसी में एक घंटे से मरीज तड़प रहा था, तो कोई तीन घंटे से. मधुबनी जिले के रघुनाथपुर के निवासी 56 वर्षीय बैजनाथ यादव के पेट में तेज दर्द था व दम फूल रहा था. बेटे संतोष यादव पटना आइजीआइएमएस लेकर पहुंचे. तीन घंटे तक भर्ती करने के नाम पर मरीज को रोका गया.

इससे स्थिति और बिगड़ गयी. बाद में बेड खाली नहीं होने की बात कही गयी. बाद में मरीज प्राइवेट अस्पताल में चला गया. यह परेशानी आइजीआइएमएस में रोजाना करीब 80 से अधिक गंभीर मरीजों के साथ हो रही है. समय पर भर्ती नहीं होने से कई गंभीर मरीजों की तो मौत भी हो जा रही है. किसी को पांच घंटे तो किसी को तीन दिन बाद भी बेड नहीं मिल पा रहा है.

दवा बेचने का खेल भी

अस्पताल परिसर व इमरजेंसी एवं ट्रॉमा गेट के सामने करीब छह प्राइवेट दवा दुकान संचालित हो रहे हैं. दवा बेचने के लिए दवा दुकानदारों से सेटिंग कर जानबूझ कर भर्ती के नाम पर एंबुलेंस में रोका जा रहा है. बीते 12 नवंबर को विक्रम प्रखंड से आये भागवत कुमार की आइजीआइएमएस के इमरजेंसी गेट पर ही मौत हो गयी. नाराज परिजनों ने देर रात जमकर हंगामा किया. समय पर इलाज नहीं मिलने से एक सप्ताह में 12 से अधिक मरीजों की मौत इमरजेंसी के गेट पर हो चुकी है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां.

- Advertisment -

अन्य खबरें

- Advertisment -
ऐप पर पढें