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बिहार रजिस्ट्री कार्यालयों ने करीब सवा लाख रजिस्टर्ड डीड जलाये, कटिहार ने सबसे अधिक दस्तावेज किये नष्ट

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पटना. सूबे के रजिस्ट्री कार्यालयों में बेकार पड़े जमीन, मकान व फ्लैट से जुड़े 1.25 लाख से अधिक ऑरिजिनल रजिस्टर्ड डीड (दस्तावेज) को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर रजिस्ट्री कार्यालयों ने संबंधित पक्षकारों को एक महीने की सार्वजनिक नोटिस दिया था. नोटिस के बावजूद ऑरिजिनल दस्तावेज नहीं ले जाने पर उनको जला कर नष्ट कर दिया गया. हालांकि, कुछ रजिस्ट्री कार्यालयों में यह प्रक्रिया अब भी चल रही है.

कटिहार ने सबसे अधिक दस्तावेज किये नष्ट

मिली जानकारी के मुताबिक कटिहार जिले के रजिस्ट्री कार्यालयों में सबसे अधिक 97318 दस्तावेज को नष्ट किया गया. यह फिलहाल कुल उपलब्ध रजिस्टर्ड डीड का 85 फीसदी से अधिक है. इसके साथ ही पटना ने 12 हजार, मुजफ्फरपुर ने 2435, बेगूसराय ने 467, सीतामढ़ी ने 583, वैशाली ने 360, जहानाबाद ने 147, शेखपुरा ने 194 और पूर्णिया ने 164 दस्तावेज बेकार पड़े होने की जानकारी दी है, जिनको नष्ट किया जा रहा है. यह दस्तावेज वर्ष 1990 से 2019 की अवधि के थे, जिन्हें किन्हीं कारणवश आवेदक नहीं ले गये.

दो साल तक ही सुरक्षित रखने की परंपरा

अधिकारियों के मुताबिक रजिस्ट्री कार्यालयों में निबंधित होने वाले दस्तावेज पांच दिन के अंदर अधिकृत व्यक्ति को प्रदान कर दिया जाता है. नहीं ले जाने पर उनको दो साल तक सुरक्षित रखने की परंपरा है. इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति अपने मूल दस्तावेज नहीं ले जाता है, तो उसको नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. विलंब से दस्तावेज ले जाने पर निश्चित राशि देनी होती है. हालांकि, सभी दस्तावेज ऑनलाइन होने की वजह से आवेदक भविष्य में इनकी सर्टिफाइड कॉपी रजिस्ट्री कार्यालयों से प्राप्त कर सकता है.

Also Read: Bihar News: पटना जंक्शन गोलंबर के बदले करबिगहिया से बिहारशरीफ और हाजीपुर की बसें चलाने की तैयारी

पटना. सूबे के रजिस्ट्री कार्यालयों में बेकार पड़े जमीन, मकान व फ्लैट से जुड़े 1.25 लाख से अधिक ऑरिजिनल रजिस्टर्ड डीड (दस्तावेज) को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर रजिस्ट्री कार्यालयों ने संबंधित पक्षकारों को एक महीने की सार्वजनिक नोटिस दिया था. नोटिस के बावजूद ऑरिजिनल दस्तावेज नहीं ले जाने पर उनको जला कर नष्ट कर दिया गया. हालांकि, कुछ रजिस्ट्री कार्यालयों में यह प्रक्रिया अब भी चल रही है.

कटिहार ने सबसे अधिक दस्तावेज किये नष्ट

मिली जानकारी के मुताबिक कटिहार जिले के रजिस्ट्री कार्यालयों में सबसे अधिक 97318 दस्तावेज को नष्ट किया गया. यह फिलहाल कुल उपलब्ध रजिस्टर्ड डीड का 85 फीसदी से अधिक है. इसके साथ ही पटना ने 12 हजार, मुजफ्फरपुर ने 2435, बेगूसराय ने 467, सीतामढ़ी ने 583, वैशाली ने 360, जहानाबाद ने 147, शेखपुरा ने 194 और पूर्णिया ने 164 दस्तावेज बेकार पड़े होने की जानकारी दी है, जिनको नष्ट किया जा रहा है. यह दस्तावेज वर्ष 1990 से 2019 की अवधि के थे, जिन्हें किन्हीं कारणवश आवेदक नहीं ले गये.

दो साल तक ही सुरक्षित रखने की परंपरा

अधिकारियों के मुताबिक रजिस्ट्री कार्यालयों में निबंधित होने वाले दस्तावेज पांच दिन के अंदर अधिकृत व्यक्ति को प्रदान कर दिया जाता है. नहीं ले जाने पर उनको दो साल तक सुरक्षित रखने की परंपरा है. इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति अपने मूल दस्तावेज नहीं ले जाता है, तो उसको नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. विलंब से दस्तावेज ले जाने पर निश्चित राशि देनी होती है. हालांकि, सभी दस्तावेज ऑनलाइन होने की वजह से आवेदक भविष्य में इनकी सर्टिफाइड कॉपी रजिस्ट्री कार्यालयों से प्राप्त कर सकता है.

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