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टीन की छत के नीचे बिना चादर वाले बेड पर महिलाओं ने काटी रात

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मंगलवार को हुए बंध्याकरण के बाद मरीजों को जिस बेड पर लिटाया गया उस पर चादर तक नहीं बिछायी गयी थी. रात्रि में महिलाओं को ठंड से काफी परेशानी हुई.

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सोनो. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो में बंध्याकरण के लिए आने वाली महिलाओं को अव्यवस्था का शिकार होना पड़ रहा है. ऑपरेशन के बाद मरीज को जैसे-तैसे रख कर खानापूर्ति की जा रही है. बीते मंगलवार को हुए बंध्याकरण के बाद मरीजों को जिस बेड पर लिटाया गया उस पर चादर तक नहीं बिछायी गयी थी. रात्रि में महिलाओं को ठंड से काफी परेशानी हुई. बिना चादर के बेड पर एक पतले कंबल के सहारे लेते मरीज रात भर परेशान रही. जिन महिलाओं ने घर से चादर लायी थी, उसके बेड पर चादर बिछी थी. खासकर वैसे मरीज जिन्हें अस्पताल भवन के आंगन में वैकल्पिक छत बनाकर उसके नीचे बेड उपलब्ध कराया गया था उन्हें ज्यादा तकलीफ हुई. अस्पताल के इस अव्यवस्था पर मरीज के परिजन आक्रोशित थे. स्वास्थ्य विभाग बंध्याकरण शिविर में आपरेशन कराने के दौरान तमाम सुख सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है, लेकिन मंगलवार को सोनो अस्पताल में बंध्याकरण के बाद महिलाओं की स्थिति उक्त दावे का पोल खोलता नजर आया.

17 महिलाओं का किया गया बंध्याकरण

मंगलवार को बंध्याकरण शिविर में 17 महिलाओं का आपरेशन किया गया. आपरेशन के बाद महिलाओं को ठिठुरन भरी स्याह रात में बिना चादर वाले बेड पर एक पतले से कंबल के सहारे अस्पताल भवन के आंगन में लिटा दिया गया. भले ही आंगन के ऊपर वैकल्पिक टीन का शेड लगाया गया था. सवाल यह भी खड़ा होता है कि महज 17 महिलाओं के लिए क्या अस्पताल में कमरा उपलब्ध नहीं था. कमरे में व्यवस्था नहीं देने के कारण महिलाएं और उनके परिजन रात में ठंड से ठिठुरते रहे. ठंड से ठिठुरती सोनो की डोली देवी, बैजाडीह की कारी मांझी, केवाली की सोनी देवी सहित इन महिलाओं के परिजनों ने बताया कि बेड पर तो चादर नहीं ही दिया गया और जो कंबल मिला वह भी काफी पतला है.

जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने इसका ठीकरा आउटसोर्सिंग संस्था सूर्या क्लिनिक पर डाल दिया है. वहीं शिविर की कुव्यवस्था को देखकर ऐसा लग रहा था कि शिविर आयोजित करने की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था के लोगों में संवेदनशीलता खत्म हो गई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा शशिभूषण चौधरी ने बताया कि बंध्याकरण शिविर में आपरेशन, दवाइयों से लेकर सारी सुविधाओं की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग सूर्या क्लिनिक पर है. चादर, कंबल, बेड आदि की व्यवस्था करना उसी का काम है. उन्होंने कहा कि शिविर की कुव्यवस्था सामने आई है जिससे वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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