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भाई ने कहा, अतुल ने परिवार को अपना दुख नहीं बताया

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जिले के वैनी पूसा रोड निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस को लेकर हर कोई गंभीर है. लोगों ने अतुल सुभाष के पक्ष में आवाज उठाना शुरू कर दिया है.

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प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : जिले के वैनी पूसा रोड निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस को लेकर हर कोई गंभीर है. लोगों ने अतुल सुभाष के पक्ष में आवाज उठाना शुरू कर दिया है. कथित तौर पर पत्नी की प्रताड़ना और सिस्टम से तंग आकर 34 साल के इंजीनियर अतुल ने बेंगलुरू में सुसाइड कर लिया. जिलाभर में इस घटना की चर्चा है. इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत पर ग्रामीण मनोज राय ने भी सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि ये सिस्टम का फेलियर है, जिससे परेशान होकर अतुल सुभाष ने सुसाइड किया है. सोशल मीडिया पर इसको लेकर नई बहस छिड़ी हुई है. स्थानीय लोग कह रहे है कि दहेज कानून सिर्फ महिलाओं के लिए है. यह पुरुषों के साथ किस तरह अन्याय करता है, अतुल सुभाष के सुसाइड ने यही दिखाया. अतुल के चचेरे भाई बजरंग प्रसाद का कहना है कि दहेज कानून का एकतरफा इस्तेमाल पुरुषों के साथ अन्याय करता है. अतुल की मौत ने इसे उजागर कर दिया है. उसने अपनी जान देकर व्यवस्था को झकझोरने की कोशिश की है.

अतुल के भाई विकास का कहना है कि भारत में पुरुषों के लिए कोई कानून ही नहीं है. विकास ने प्रभात खबर को बताया कि मेरे भाई से अलग होने के करीब 8 महीने बाद उसकी पत्नी ने तलाक का केस फाइल किया. उसने मेरे भाई और पूरे परिवार के खिलाफ तरह-तरह के आरोप लगाये. मेरा भाई इन सबसे लड़ता रहा, लेकिन आखिर में वह हार मान गया. विकास के मुताबिक उसने अपनी पत्नी के लिए जो भी संभव था किया. मृतक के पिता पवन कुमार ने अपने बेटे की मौत पर कहा कि अतुल डिप्रेशन में था, लेकिन उसने कभी अपने परिवार को अपना दुख नहीं बताया. पवन कुमार ने बताया कि उनके बेटे ने बताया था कि मीडिएशन कोर्ट वाले कानून के मुताबिक काम नहीं करते. यहां तक कि वह लोग सुप्रीम कोर्ट के नियमों का भी पालन नहीं करते हैं. उसे बेंगलुरु से जौनपुर कम से कम 40 बार जाना पड़ा था.

दहेज प्रताड़ना के 50 फीसदी मामले झूठे

अधिवक्ता रजनी रंजन ने बताया कि भले ही दंपती के बीच या फिर सास-बहू्, ननद में किसी छोटी सी बात पर झगड़ा हुआ हो, लेकिन फरियादी की तरफ से पुलिस में दी जाने वाली शिकायती आवेदन में दहेज प्रताड़ना का उल्लेख जरूर मिलता है. दहेज प्रताड़ना के 50 फीसदी केस झूठे होते है. अगर आपसे पूछा जाए कि 2-4 ऐसे कानूनों का नाम बताइए जिसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग होता है. जवाब में दहेज उत्पीड़न से जुड़ा कानून शायद ही किसी की लिस्ट में जगह पाने से छूटे. इस कानून को पति के घरवालों और रिश्तेदारों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. गुनाह किसी का भी हो, घर के हर बालिग सदस्य को आरोपी बना दिया जाता है. जमानत भी मुश्किल से होती है. कानून के दुरुपयोग को लेकर समय-समय पर अदालतें भी चिंता जताती रहती हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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