एयरपोर्ट मामले में मिली कामयाबी के बाद नई जरूरत पर उठ रही आवाज
एम्स निर्माण को बनाया जा रहा मुद्दा, जनमत बनाये जाने पर दिया जा रहा जोर
पूर्णिया. एयरपोर्ट मामले में मिली कामयाबी के बाद अब पूर्णिया में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा से लैस एम्स जैसे अस्पताल शुरू करने की मांग मुखर होने लगी है. लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में बिहार में इस तरह के आंख अस्पताल खोलने की घोषणा की है. इसका स्वागत करते हुए नागरिकों ने कहा है कि पूर्णिया में इसी तरह के वैसे विश्वस्तरीय अत्याधुनिक अस्पताल की जरूरत है जहां हर तरह का इलाज हो ताकि गंभीर से गंभीर रोगियों को भी दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत न पड़े. दरअसल, पूर्णिया के नागरिक अब इस मांग को लेकर संजीदा दिखने लगे हैं. उनका कहना है कि पूर्णिया चार जिलों के प्रमंडलीय मुख्यालय ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर भारत का गेटवे भी है और नेपाल की सीमा भी इससे सटकर है. नागरिकों का कहना है कि करीब 11 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले लगभग डेढ़ करोड़ की आबादी को समेटे सीमांचल में बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सुविधा के लिए एम्स जैसे सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल खुलने का मुद्दत से इंतजार है. मगर, विडंबना है कि सियासी महकमे में पूर्णिया की इस जरूरत को कभी तवज्जो नहीं दिया गया. नतीजतन बेहतर चिकित्सा सुविधा के अभाव में यहां के लोगों को पटना या सिलीगुड़ी जैसे दूर-दराज के इलाकों में भटकना पड़ता है. जानकारों का कहना है कि सीमांचल के सुदूर क्षेत्रों से पटना की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है और इतनी दूर जाकर इलाज कराना चुनौतीपूर्ण है. कई लोग तो आर्थिक अभाव में हाइयर सेंटर तक नहीं पहुंच पाते और कभी हिम्मत भी जुटायी तो देर होने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. जानकारों का कहना है कि पूर्णिया में एम्स की तरह विश्वस्तरीय अस्पताल खुल जाए तो बहुत लोगों की जान बच सकती है.पूर्णिया समेत नौ जिलों को मिलेगा लाभ
पूर्णिया जिला नेपाल व पश्चिम बंगाल की सीमा पर बसा हुआ है. कोसी प्रमंडल के जिले में भी इससे सटकर बसे हुए हैं. झारखंड अलग होने के बाद बिहार में दूसरा सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल नहीं है. पूर्णिया और कोशी प्रमंडल राज्य की बड़ी आबादी को कवर करता है. पूर्णिया इन सभी जिलों का केंद्र है और इस दृष्टि से भी एम्स के लिए पूर्णिया पूरी तरह से उपयुक्त है. नागरिकों का कहना है कि पूर्णिया में एम्स जैसा सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल खुलने से कोशी और पूर्णिया के नौ जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य बंगाल के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के नागरिकों को भी बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी. बुद्धिजीवियों का कहना है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव के कारण सीमांचल में फैलती महामारी, कैंसर और अन्य सघन रोगों के मकड़जाल ने कोसी वासियों का सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. इस क्षेत्र के बहुत सारे लोग कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और यही वजह है कि पूर्णिया में एम्स निर्माण की मांग जोर पकड़ रही है.नब्बे के दशक से उठ रही एम्स की मांग
पूर्णिया में नब्बे के दशक से एम्स जैसे सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल खोले जाने की मांग उठती रही है. उस समय तत्कालीन सांसद ने कई-कई बार संसद में इसकी मांग रखी. 1989 में केंद्रीय मंत्री स्व. तस्लीमुद्दीन ने न केवल मांग उठायी थी बल्कि प्रधानमंत्री को इस बाबत स्मार पत्र भी दिया था. बाद के दिनों में अलग-अलग मंचों से भी इस मांग को मुखर रूप से उठाया गया पर पूर्णिया की इस जरूरत को बहुत तवज्जो नहीं मिल सका. हालिया सालों में प्रबुद्ध नागरिकों ने अलग-अलग मंच से पूर्णिया में एम्स के निर्माण की मांग उठायी. इस बीच युवाओं ने एम्स निर्माण के सवाल पर गोलबंदी का अभियान शुरू कर दिया है. युवाओं का कहना है कि इस मांग को लेकर वे आने वाले दिनों में धारदार आंदोलन चलायेंगे.—————-
आंकड़ों में पूर्णिया
1770 में मिला जिला का दर्जा3264619 है 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल आबादी84.49 फीसदी लोग गांवों में रह रहे10.51 फीसदी लोग रहते शहर में1000 पुरुष पर 921 महिलाएं हैं जिले में3229 वर्ग किलोमीटर है क्षेत्रफल04 अनुमंडल हैं जिले में14 प्रखंड हैं पूरे जिले में246 पंचायतों में बसी है ग्रामीण आबादी1246 राजस्व गांव हैं जिले मेंफोटो. 6 पूर्णिया 3- राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पूर्णियाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है