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जिप ने 139 स्टॉलधारियों को भेजा नोटिस, भुगतान करें बकाया भाड़ा, नहीं तो रद्द होगा इकरारनामा

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स्टॉल से आने वाली आय से जिला परिषद के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो सके.

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– जिला परिषद का मुंगेर शहर से लेकर प्रखंड स्तर तक है 212 स्टॉल, वर्षों से नहीं मिल रहा था भाड़ा, जिला परिषद प्रशासन की अब टूटी नींद

मुंगेर

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जिला परिषद मुंगेर ने अपने 139 स्टॉलधारियों को नोटिस भेज कर बकाया भाड़ा भुगतान करने का निर्देश दिया है. स्टॉल के लीजधारियों को कहा गया है कि नोटिस मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर बकाया किराया का भुगतान करें, नहीं तो जिला परिषद उसके इकरारनामा को रद्द करते हुए दुकान को खाली करायेगा. जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अजीत कुमार सिंह द्वारा जारी इस आदेश के बाद वर्षों से भाड़ा नहीं देने वाले दुकानदारों के बीच हड़कंप मच गया है.

जिले में जिप का है 212 स्टॉल, नहीं चुका रहे किराया

जिला परिषद अपने आंतरिक आय के स्रोत को बढ़ाने के लिए जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर पर अपनी जमीन पर स्टॉल का निर्माण कराया है. किला क्षेत्र, तारापुर, खड़गपुर, बरियारपुर, धरहरा, संग्रामपुर और सदर प्रखंड में कुल 212 स्टॉल है. जिसे वर्षों पहले बेरोजगारों को रोजगार के लिए उपलब्ध कराया गया. जिला परिषद का उद्देश्य था कि जिला परिषद की जमीन को अतिक्रमण से बचाया जाय और उस पर स्टॉल निर्माण कर बेरोजगारों को आवंटन कर रोजगार का अवसर पैदा किया जाय. जबकि स्टॉल से आने वाली आय से जिला परिषद के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो सके. लेकिन जिला परिषद के उद्देश्यों पर उनके स्टॉलधारियों ने पानी फेर दिया. वर्षों पहले स्टॉल लिया, लेकिन किराया भुगतान आज तक नहीं किया. जबकि किराये की राशि कहीं 500 तो कहीं 1000 रुपया है. बावजूद इसके उनके किरायेदार किराया देने में आना-काना कर रही है.

139 दुकानदारों नोटिस, नहीं दिया भाड़ा तो रद्द होगा इकरारनामा

जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अजीत कुमार सिंह पिछले दिनों जिला परिषद के आंतरिक आय के स्रोत की समीक्षा की. जिसमें यह पाया गया कि जिला परिषद को उसके स्टॉल का किराया उसके लीजधारी नहीं दे रहे है. लाखों रूपये दुकानदारों पर गिर गया है. जिसके बाद उन्होंने दुकानदारों को चिह्नित कर उसे किराया भुगतान के लिए नोटिस भेजना शुरू किया. जिला परिषद से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 139 दुकानदारों को दूसरी नोटिस भेजी जा चुकी है. जिस पर 70 लाख से अधिक का किराया बकाया है. पहली नोटिस में कहा गया था कि नोटिस प्राप्ति के सात दिनों के अंदर बकाया भाड़ा भुगतान की जाय. दूसरी नोटिस में कहा कि अगर दुकानदार बकाया भाड़ा का भुगतान नहीं करती है तो उसके साथ जिला परिषद द्वारा किये गये इकरारनामा को रद्द कर दिया जायेगा. बावजूद इसके भाड़ा भुगतान में दुकानदार दिलचस्पी नहीं ले रहे है. ऐसे हट्ठी दुकानदारों को अब तीसरा नोटिस भेज कर इकरारनामा को रद्द करते हुए जिला परिषद प्रशासन दुकान को खाली कराने की कार्रवाई शुरू करेंगी.

श्रीमतपुर पंचायत 38 दुकानदारों को भी भेजा गया नोटिस

बताया जाता है कि जिला मुख्यालय से सटे श्रीमतपुर पंचायत में जिला परिषद ने सदर प्रखंड कार्यालय के आस-पास और बैनीगीर में कुल 52 स्टॉल का निर्माण किया है. जिसका किराया 500 रूपया रखा गया. जिसमें यह तय हुआ था कि भाड़ा श्रीमतपुर पंचायत स्तर पर वसूल किया जायेगा. जिसमें 250 रूपये जिला परिषद को और 250 रूपये श्रीमतपुर पंचायत को मिलेगा. लेकिन भाड़ा वसूली का कार्य ठप पड़ा हुआ है. जिला परिषद की ओर से श्रीमतपुर पंचायत में बने 38 स्टॉल के दुकानदारों को नोटिस भेजा गया है. जिस पर 9 लाख 75 हजार रूपया किराया बाकी है.

कहते हैं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी

जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि जिला परिषद के आंतरिक स्रोत से प्राप्त होने वाली आय से ही यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाता है. लेकिन यहां के आंतरिक आय के स्रोत को कुछ हट्ठी किरायेदार प्रभावित कर रहा है. जिला परिषद द्वारा 212 स्टॉल बना कर भाड़ा पर दिया गया है. लेकिन दुकानदार किराया नहीं दे रहे है. जिसके कारण अब तक 132 हट्ठी किरायेगदारों को नोटिस भेज कर किराया भुगातान का निर्देश दिया गया है. अगर समय पर बकाया किराया को भुगतान नहीं होता है तो इकरारनामा को रद्द करते हुए दुकान खाली कराया जायेगा. बकाया भाड़ा भुगतान के लिए ऑन लाइन व ऑफ लाइन दोनों व्यवस्था की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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