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देवोत्थान एकादशी के साथ ही शुभ मुहूर्त की हुई शुरुआत

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चतुर्मास संपन्न होने के बाद देवउठनी के साथ ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो रही है.नवंबर और दिसंबर में भी शादी विवाह के कई शुभ मुहूर्त है.

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किशनगंज. चतुर्मास संपन्न होने के बाद देवउठनी के साथ ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो रही है.नवंबर और दिसंबर में भी शादी विवाह के कई शुभ मुहूर्त है. जिसमें शादी सहित कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है.दरअसल चातुर्मास के शुरू होने के साथ ही शादी सहित शुभ कार्यों पर ब्रेक लग गई थी.बाजारों में भी वीरानगी छा गई थी. फेस्टिवल सीजन के बाद अब वेडिंग सीजन के कारण बाजारों में फिर से रौनक लौटने की उम्मीद है.चार माह के बाद शहनाइयों के बीच शादी विवाह की रस्में पूरी करवाने के लिए लोग लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे.

चार माह से था शुभ मुहूर्त का इंतजार

देवशयनी एकादशी से श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. उनके योग निद्रा के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्य चार माह के लिए बंद हो जाते हैं. उसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है और इसी दिन से विवाह और अन्य मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं.हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ समय देखना आवश्यक होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन इस दिन से भगवान विष्णु अपना कार्यभार संभालते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा का है खास महत्व

कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान,देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी दीपावली के बाद आती है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं, इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. कहते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं. भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसीलिए देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं.

शादी-विवाह के लिए हैं नवंबर-दिसंबर में कई शुभ मुहूर्त

शादी-विवाह मुंडन आदि के शुभ मुहूर्त की भरमार है. बैंडबाजा,मैरिज हाल,कैटरिंग, आभूषण सहित अन्य बाजार भी इसके लिए तैयार दिख रहा है. मैरिज हॉल, बैंडबाजा और कैटरिंग वालों के यहां एडवांस बुकिंग चल रही है.बड़ी संख्या इससे जुड़े लोगों को रोजगार मिल रहा है. पुरोहित घनश्याम झा के अनुसार इस सीजन में शादी-विवाह,उपनयन, मुंडन आदि के कई शुभ मुहूर्त है.नवंबर,दिसंबर के बीच कई शुभ मुहूर्त और अच्छे लग्न हैं.पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष भी लग्न की बहुतायत है.पिछले वर्ष जिनका विवाह नहीं हो पाया था इस वर्ष शुभ लग्न और मुहूर्त देखकर विभिन्न तिथियां तय कर रहें हैं. बैंड के मालिक बताते हैं कि पिछली बार शादियों के सीजन की तुलना में इस बार बैंड बाजा धूम मचाने की उम्मीद है.

कपड़ा व आभूषण बाजार में रौनक की उम्मीद

कपड़ा व्यवसायी जम्बो पुगलिया,जंग बहादुर यादव ने बताया कि पर्व त्योहार के बाद बाजार बहुत ठंड था. अब शादियों के सीजन में अच्छी बिक्री की उम्मीद है. कई लोग अच्छा व्यवसाय की बात बताते हैं.आभूषण व्यवसायी बताते हैं कि पिछली बार तो शादियों के सीजन में बिल्कुल ही व्यापार मंदा था. इस बार बाजार का रुख बढ़िया लगता है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार लोग गहना-जेवर खरीद रहे हैं.

इस सीजन कई शुभ मुहूर्त

नवंबर महीने की 16, 17,18, 22, 23, 24, 25, 26, 28 तारीख को विवाह का मुहूर्त है. उसके बाद दिसंबर महीने में 2, 3, 4, 5, 9 , 10 , 11, 13, 14, 15 तारीख को वैवाहिक लग्न है. मिथिला पंचांग में वैवाहिक मुहूर्त 13,16 ,17 ,18 ,22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर वहीं दिसंबर माह में 05, 09, 10, 14 और 15 दिसंबर को वैवाहिक लग्न है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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