संवाददाता, पटना सभी विद्यार्थी को अपने ज्ञान क्षेत्र में व्यवसाय की संभावनाएं अभी से तलाशनी चाहिए. इससे उस पर भविष्य में कैरियर का दबाव कम रहेगा. उद्यमिता के जरिये विद्यार्थी प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान भी दे सकेंगे. ये बातें आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) इन्क्यूबेशन सेंटर की नोडल अधिकारी डॉ मनीषा प्रकाश ने कहीं. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स में उद्यमिता के प्रति रुचि जगाना और उन्हें सफलता की राह पर आगे बढ़ाने में मदद करना ही एकेयू के इन्क्यूबेशन सेंटर का मुख्य लक्ष्य है. इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से सभी प्रकार की व्यवस्था के लिए कुलपति प्रो शरद कुमार यादव के नेतृत्व में विश्वविद्यालय प्रयासरत है. इस मौके पर स्टार्टअप आइडियाज पर काम करने वाले नव उद्यमियों ने भी अपने अनुभव साझा किये. बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय अंतर्गत सभी स्कूलों के शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच उद्यमशीलता संस्कृति और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की भूमिका और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता से अवगत कराना व विद्यार्थियों के नये स्टार्टअप आइडियाज के विषय में विमर्श करना और प्रोत्साहित करना था. विद्यार्थियों के ऐसे विचार जो किसी समस्या का समाधान कर सकते हैं और जिसकी समाज को जरूरत है, उसे व्यवसायिक रूप से आगे बढ़ाकर विद्यार्थियों को उद्यमी बनाने की ओर अग्रसर किया जा सकता है. नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी शिक्षक डॉ विभूति विक्रमादित्य ने अपने स्टार्टअप से हुए अनुभवों के आधार पर विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार कोई आइडिया स्टार्टअप के रूप में आगे बढ़ता है और इन्क्यूबेशन सेंटर्स की स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में क्या भूमिका होती है. स्कूल ऑफ नैनो साइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह ने विभाग के विद्यार्थियों द्वारा किये गये नवोन्मेषी कार्यों की जानकारी देते हुए स्टार्टअप में होने वाली समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. मौके पर इन्क्यूबेशन सेंटर के सह नोडल अधिकारी डॉ संदीप कुमार दुबे ने विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए प्रस्ताव पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जाने का प्रस्ताव रखा.
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