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सरयू नदी के किनारे कचरे का अंबार

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गुठनी. प्रखंड में बहने वाली सरयू नदी के किनारे करीब 16 गांव बसे हुए हैं. नदी किनारे इन दिनों कचरों का अंबार देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों से भी लोग नदी किनारे जाकर कचरा फेंक रहे हैं. जबकि नदी किनारे बसने वाले लोग की दिनचर्या से भी नदी के किनारे और उसके पानी में प्रदूषण फैल रहा है.सरयू नदी और गंडक नदी के किनारे करीब एक दर्जन से अधिक गांव बसे हुए हैं.

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गुठनी. प्रखंड में बहने वाली सरयू नदी के किनारे करीब 16 गांव बसे हुए हैं. नदी किनारे इन दिनों कचरों का अंबार देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों से भी लोग नदी किनारे जाकर कचरा फेंक रहे हैं. जबकि नदी किनारे बसने वाले लोग की दिनचर्या से भी नदी के किनारे और उसके पानी में प्रदूषण फैल रहा है. सरयू नदी और गंडक नदी के किनारे करीब एक दर्जन से अधिक गांव बसे हुए हैं. ग्रामीणों की माने तो नदियों में प्रदूषण का मुख्य कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के नालों का बहाव सीधे नदी में हो जाना है. बीडीओ डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक किया जायेगा. और स्वच्छता व हरियाली से संबंधित उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. सरयू से जुड़ी है लोगों का आस्था शहर के पश्चिम छोर से बहने वाली सरयू नदी के ग्यासपुर घाट पर वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी आस्था के चलते विभिन्न पर्वों में पूजा करने के लिए आते हैं. इस घाट पर ही गणेश पूजा, नवदुर्गा पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. छठ पूजा में इस घाट पर अलौकिक दृश्य देखने को मिलता है. सरयू नदी किनारे बसें हुए हैं दर्जनों गांव सरयू नदी किनारे बलुआ, तिरबलुआ, ग्यासपुर, खडौली, पांडेयपार, मैरीटार, योगियाडीह, सोनहुला, सोहगरा घाट, धर्मपुर, गुठनी पश्चिम गांव बसे हुए हैं. जहां ग्रामीण घरों का कचरा, गंदे पानी, नाले का पानी, शौचालय निर्माण, कपड़ा, बर्तन, पशुओं को शव पेकने से प्रदूषण के साथ नदी किनारे कचरों का अंबार लगा रहता है. नदी किनारे शवों को जला चले जाते हैं लोग सरयू नदी किनारे ग्यासपुर, मिश्र घाट, टेढिया घाट पर आज भी अंतिम संस्कार किया जाता है. जहां शव को जलाने के बाद लोग छोड़कर चले जाते है. जिससे नदी किनारे बसे लोगो को काफी असुविधा होती है. ग्रामीण इलाकों से कचरा जमा होने से बढ़ी मुश्किलें सरयू नदी किनारे लोग दैनिक जीवन से जुड़ी चीजों को ले जाकर फेंक देते हैं. जिससे नदी किनारे कचरा का अंबार लग जाता है. वहीं स्थानीय प्रशासन के साथ मुखिया और जनप्रतिनिधि इस समस्या को अनदेखी करते रहते हैं. जबकि स्थानीय ग्रामीण इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं. लोगों की माने तो पूजा सामग्री, दैनिक वस्तुएं कचरा नदी किनारे लाकर फेंका जाता है. बोले कार्यपालक पदाधिकारी नाले के बहते हुए पानी का प्रबंध जल्द किया जायेगा. ताकि नदी में नाले का गंदा पानी ना जा सकें. रविशंकर प्रसाद इओ गुठनी नगर पंचायत

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