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Begusarai News : बिना रजिस्टर्ड विद्यालयों को बंद कराने को लेकर डीएम को भेजा गया निर्देश

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Begusarai News : गढ़पुरा प्रखंड एवं बेगूसराय जिला समेत पूरे बिहार भर में हजारों ऐसे निजी स्कूल का संचालन किया जा रहा है जो अबतक रजिस्ट्रेशन नही कराया है. इसी को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने बिहार के सभी 38 जिले के जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर ऐसे फर्जी विद्यालय को अविलंब बंद करबाने का निर्देश दिया है.

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बेगूसराय/गढ़पुरा. गढ़पुरा प्रखंड एवं बेगूसराय जिला समेत पूरे बिहार भर में हजारों ऐसे निजी स्कूल का संचालन किया जा रहा है जो अबतक रजिस्ट्रेशन नही कराया है. इसी को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने बिहार के सभी 38 जिले के जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर ऐसे फर्जी विद्यालय को अविलंब बंद करबाने का निर्देश दिया है. इसके बाद से ही ऐसे फर्जी विद्यालय संचालकों में दहशत व्याप्त है. पत्र में साफ कहा गया है कि बिना प्रस्वीकृति प्राप्त किये निजी विद्यालय को चिन्हित कर उस पर कठोर कार्रवाई किया जाय. पत्र में कहा गया है कि बच्चों को मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम जो 1 अप्रैल 2004 से प्रभावी है एवं तदालोक में अधिसूचित बिहार राज्य बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत निजी विद्यालय की प्रस्वीकृति का प्रावधान है. बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 18 में यह प्रावधान है कि कोई भी विद्यालय जो निर्धारित मानक धारण करता हो सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति प्राप्त किए बिना विद्यालय नहीं खोल सकता है. वहीं उल्लंघन की स्थिति में विद्यालय खुले पाए जाने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. इसके बावजूद भी कोई विद्यालय संचालित की जा रही है तो उसे दस हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना किया जाना है. इतना सब होने के बावजूद भी बड़े पैमाने पर बिना रजिस्ट्रेशन निजी विद्यालय संचालित हो रही है.

49702 विद्यालयों ने किया आवेदन, 11995 ने कराया है रजिस्ट्रेशन:

बिहार सरकार के द्वारा दिनांक 17 अगस्त 2024 तक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने का निर्देश निजी विद्यालय संचालकों को दिया गया था. इसमें पूरे बिहार से 49702 आवेदन प्राप्त हुआ था, जिनमें से 11995 संस्थान ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया और संवीक्षा के क्रम में मात्र 5562 निजी विद्यालय ज्ञानदीप पोर्टल पर विद्यालय में विभिन्न वर्ग कक्ष का सीट अपलोड किया. पत्र में साफ साफ बताया गया है कि प्रस्वीकृति प्राप्त करने के बाद भी अगर ज्ञानदीप पोर्टल पर विद्यालय सीट अपलोड नही करता है तो ऐसी स्थिति में भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

कई स्कूल नहीं कर रहे नियम का पालन :

कई ऐसे विद्यालय हैं जो सरकारी मानक के अनुरूप नही है ऐसे विद्यालय का भी रजिस्ट्रेशन किया गया है. निजी स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के कई मानक तय किया गया है. जैसे विद्यालय में भवन की स्थिति, शौचालय, खेल मैदान का होना, पीने की पानी, बिजली की स्थिति, बिजली कटने के बाद के लिए साउंड लेस जेनरेटर समेत कई सारी सुविधाओं का होना विद्यालय रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य है. अधिकारियों की मिलीभगत से इस मानक को ताक पर रखकर भी कई विद्यालय को प्रस्वीकृति दी गई है. : कई विद्यालय नही कर पाती है इस नियम का पालनज्ञानदीप पोर्टल पोर्टल पर बच्चों के प्रति वर्ग कक्ष के अनुसार सीट अपलोड करना अनिवार्य होता है. इसी आधार पर सभी निजी स्कूलों को उस वर्ग कक्ष में पढ़ रहे बच्चों के 25 फीसदी सीट गरीब, निःसहाय एवं अन्य बच्चों के लिए आरक्षित होता है लेकिन इस नियम का पालन अधिकांश विद्यालय सिर्फ कागज पर ही करती है और शुल्क के साथ पढ़ाने बाले बच्चों की सूची निःशुल्क पढ़ाने की सूची में डालकर सरकार से भी फर्जी तरीके से रुपया ऐंठ लेते हैं. इस तरह के मामले में भी विभाग को कराई से पालन करने की जरूरत है जिससे गरीब परिवार के बच्चे भी निजी विद्यालय में निःशुल्क पढ़ सके.

बिना रजिस्टर्ड विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ कर रहा खिलवाड़ :

बिहार में बिना रजिस्टर्ड विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रहा है. इस तरह का विद्यालय के द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र का कहीं भी मान्य नही होता है वह सिर्फ कागज का टुकड़ा के बराबर है. ऐसी स्थिति में इस प्रमाण पत्र पर कहीं भी बच्चों का नामांकन भी नही हो सकता है. इसके बाद अविभावकों एवं बच्चों की परेशानी बढ़ जाती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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