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महिलाओं में दिखी आत्मनिर्भरता की चाह, तो युवाओं में पार्ट टाइम जॉब की

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सैंडिस कंपाउंड में आयोजित दो दिवसीय प्रमंडलस्तरीय नियोजन मेला में युवाओं व महिलाओं में मेला के प्रति खास उत्साह दिखा. महिलाओं का कहना था कि आत्मनिर्भर होकर ही परिवार का कल्याण संभव है.

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सैंडिस कंपाउंड में आयोजित दो दिवसीय प्रमंडलस्तरीय नियोजन मेला में युवाओं व महिलाओं में मेला के प्रति खास उत्साह दिखा. महिलाओं का कहना था कि आत्मनिर्भर होकर ही परिवार का कल्याण संभव है. बच्चों को सभी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पति और पत्नी दोनों को कमाना होगा, वहीं युवाओं का मानना था कि जब तक सरकारी क्षेत्र में अवसर नहीं मिल पाता, तबतक निजी क्षेत्र में पैसा कमाने से नहीं रुकना चाहिए. उम्र बढ़ती ही जाती है और विफलता पछतावा देती है. पैसे कमाते हुए भी पढ़ाई व आगे की तैयारी हो सकती है.

बेटी अब कॉलेज जाने के लिए तैयार है. खुद शादी के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखी और एमए करके नियोजन मेला में जॉब ढूंढ़ने पहुंची हूं, ताकि आत्मनिर्भर हो सकें.

सरिता कुमारी, हरिओ, थाना बिहपुर

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पढ़ाई 12वीं तक की है, लेकिन नौकरी की चाह अब जग रही है. पुरुषों के साथ महिलाओं को भी आत्मनिर्भर होना चाहिए, तभी परिवार आगे बढ़ सकेगा.

सृष्टि कुमारी, थाना बिहपुर

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पैर से दिव्यांग हैं और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. फिर भी स्नातक तक की पढ़ाई की. यहां उनके लिए कोई आरक्षण नहीं दिख रहा. निजी क्षेत्र में नौकरी मिल जाये, चाहे कोई फिल्ड हो.

सुनील कुमार, नवगछिया

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स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करके बेंगलुरु की कंपनी में काम करने के लिए आवेदन किया है. वहां जॉब करते हुए आगे की पढ़ाई भी पूरी करेंगे. निजी व सरकारी में कोई अंतर नहीं.

मांगन दास, रंगरा

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सरकारी में मारामारी की स्थिति अधिक है. बार-बार गलत तरीके से भर्ती का समाचार मिलता रहा है. ऐसे में निजी कंपनी में जॉब करके आत्मनिर्भर होने की चाह है.

ज्ञानी कुमार, कुरपट

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अभी तो इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. आगे की पढ़ाई अपने पैरों पर खड़ा होकर ही पूरा करना चाहते हैं. पिता का बोझ अधिक नहीं बनना चाहता.

शुभम, सबौर

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लोकल में जॉब करने के लिए निजी क्षेत्र अधिक उपयुक्त होगा. सरकारी नौकरी के लिए केवल शिक्षक की नौकरी बची है. घर में रहने के लिए निजी सेक्टर में जॉब तलाश रहे हैं.

चंदन कुमार, बांका, बाराहाट

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एमए, आइटीआइ करके सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं, लेकिन अब अधिक इंतजार नहीं करना चाहते. निजी क्षेत्र में नौकरी पाकर भी सरकारी की तैयारी की जा सकती है.

आर्यन, सबौर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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