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कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरई पारा…

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कथावाचिका देवी मुरलिका गौड़ ने कहा कि भगवान का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति भवसागर को पार हो जाता है.

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सुपौल. जैसे मनुष्य का कर्म होता है, वैसे ही फल भोगने को मिलता है. सुख-दुख उनके कर्मों के अनुसार ही मिलता है. भगवत भजन में वह शक्ति है, जो मनुष्य के जीवन में परिवर्तन ला सकती है. व्यक्तियों को अपने जीवन में काम, क्रोध, मद, लोभ त्याग कर श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए. उक्त बातें गांधी मैदान में गणेश महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को वृंदावन से आयी कथावाचिका देवी मुरलिका गौड़ ने कही. कहा कि भगवान का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति भवसागर को पार हो जाता है. क्योंकि तुलसीदास राम चरित मानस में लिखते हैं कि कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरई पारा…भागवत कथा जीवन में प्रकाश का कार्य करती है और जीवन के अंधकार को दूर करने के लिये भगवत चिंतन आवश्यक है. इससे मानसिक विकास होता है. मनुष्य के द्वारा प्रतिदिन जाने अनजाने में हुए पाप को ईश्वर के सामने प्राश्चित करना ही एक मात्र उपाय है. जीवन को सार्थक करने का एक मात्र सरल उपाय भागवत चिंतन से जुड़ना है. भगवान को प्रसन्न करने का सुगम व सुलभ साधन यह है कि जो मिला है, उसी में संतुष्ट रहो, प्राणी मात्र पर दया करो. सतत प्रभु का चिंतन करो. ये तीन साधन ही ईश्वर से मिलाने का प्रसस्त मार्ग है और इंसान इन्हीं चीजों से अनभिज्ञ है. मनुष्य बहुत ही स्वार्थी हो गया है. लेकिन ध्यान रखना कभी संत, यंत्र एवं ब्राह्मण की परीक्षा मत लेना. मनुष्य के जीवन में तीन बातें बड़ी ही अनमोल है. समीक्षा, परीक्षा और प्रतीक्षा. कहा कि मनुष्य को अपनी समीक्षा करनी चाहिये ना कि दूसरों की. परीक्षा अपनों की लें ना कि भगवान की. ईश्वर मिलने की प्रतीक्षा करें. जीवन में भगवत प्राप्त हो जायेगी. महिला मंडली द्वारा धन चुकी आरती एवं ढाक का किया जायेगा आयोजन मुख्यालय स्थित गांधी मैदान में आयोजित गणेश महोत्सव के शुभ अवसर पर 12 से 16 सितंबर तक बंगाल से आयी महिला मंडलियों द्वारा संध्या 07 बजे से धन चुकी आरती एवं ढाक का आयोजन किया जायेगा. जानकारी देते पूजा समिति के सचिव ललन कुमार ने बताया कि रात्रि 08 बजे से प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित की जायेगी.

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