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Saran News : छपरा : एक कमरे के स्कूल में चल रही 415 बच्चों की पाठशाला, कैसे संवरेगा भविष्य

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Saran News : गोदना मठिया गांव स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय में दो क्लास रूम है, जिसमें एक क्लास रूम पूरी तरह जर्जर हालत में है, जो कब गिर जाये कहा नहीं जा सकता है. वहीं एक क्लास रूम है, जिसमें आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का क्लास संचालित होता है. एक से लेकर सातवीं तक के बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.

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Saran News : रिविलगंज (छपरा). गोदना मठिया गांव स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय में दो क्लास रूम है, जिसमें एक क्लास रूम पूरी तरह जर्जर हालत में है, जो कब गिर जाये कहा नहीं जा सकता है. वहीं एक क्लास रूम है, जिसमें आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का क्लास संचालित होता है. एक से लेकर सातवीं तक के बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.

इस विद्यालय में शिक्षकों की भी बहुत कमी है. तीन ही शिक्षक हैं, जो संस्कृत, सामाजिक विज्ञान एवं उर्दू पढ़ाते हैं. शेष विषय गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी एवं अन्य विषय के शिक्षक विद्यालय में नही है. जबकि इस विद्यालय में एक से लेकर आठवीं कक्षा तक कुल 200 के करीब छात्र-छात्राएं है, जो खुले में आम जनता की जमीन पर पेड़ के नीचे पठन-पाठन करने के लिए मजबूर हैं.

Saran News : शौचालय व यूरिनल की भी नहीं है व्यवस्था :

विद्यालय में शौचालय एवं यूरिनल की व्यवस्था नही है, जिसके कारण छात्रों एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे अधिक परेशानी महिला शिक्षिकाओं एवं छात्राएं को होती है. अगर शौच जाना होता है, तो उसे विद्यालय के आसपास के घरों में जाना पड़ता है. बारिश हो गयी, तो तीनों विद्यालयों के बच्चे एवं शिक्षकों को एक ही क्लास रूम रूम में बैठकर समय काटना पड़ता है. विद्यालय में जो बाउंड्री है उसका मुख्य गेट असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.

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इसके अलावा इस विद्यालय में कन्या प्राथमिक विद्यालय गोदना एवं प्राथमिक विद्यालय गोदना मोड़ और दो विद्यालय टैग है. मुख्य विद्यालय में 210, कन्या प्राथमिक विद्यालय गोदना में करीब 110 बच्चे हैं. वहीं प्राथमिक विद्यालय गोदना मोड़ में 95 के करीब बच्चे हैं, जिनका पठन-पाठन भी पिछले 10 वर्षों से खुले में आम जनता की जमीन पर पेड़ के नीचे हो रहा है.

विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का कहना है कि इस विद्यालय में कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं है, जिसके कारण छात्र-छात्राओं सहित हम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि इस विद्यालय में लगातार बच्चों की संख्या में कमी आ रही है. बच्चे नाम कटवाकर दूसरे स्कूल में स्थानांतरण करा ले रहे हैं.

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