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कैंपस : भारत में पर्यावरण के अनुकूल और किफायती आहार लोगों को जोड़ने में निभाता है अहम भूमिका

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पटना कॉलेज के आइक्यूएसी और राजनीति शास्त्र विभाग की ओर से बुधवार को अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन किया गया

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-पटना कॉलेज में फूड डायवर्सिटी एंड आइडेंटिटी थीम पर व्याख्यान

संवाददाता, पटना

पटना कॉलेज के आइक्यूएसी और राजनीति शास्त्र विभाग की ओर से बुधवार को अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन किया गया. फूड डायवर्सिटी एंड आइडेंटिटी थीम पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में टोक्यो यूनिवर्सिटी की प्रो रिहो इसाका ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आहार की अहमियत पर चर्चा करते हुए बताया कि यह किस तरह समाज को जोड़ने का काम करता है. अलग-अलग क्षेत्रों में उपजाये जाने वाले आहार से लोगों की एकजुटता और उनकी एक अलग पहचान स्थापित होती है. इसके साथ ही आहार की उपलब्धता और इस्तेमाल से समाज की इकॉनॉमिक कंडीशन का पता लगाना भी आसान हो जाता है. भारत में पर्यावरण के अनुकूल और किफायती आहार की स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में क्या अहमियत है, इस पर भी विस्तृत चर्चा की. व्याख्यान में वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की प्रो सौम्या गुप्ता और डॉ रविकांत ने भी भारत के खानपान की परंपरा को राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य से जोड़ते हुए, इसके महत्व को उजागर किया. डॉ रविकांत ने सिनेमा, भोजन और राष्ट्रीय एकता पर चर्चा करते हुए आहार से कला किस तरह प्रदर्शित होती है, इस पर भी अनुभवों को साझा किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पटना कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा ने भोजन के राजनीतिक और सामाजिक पहलू से लोगों को अवगत कराया. कार्यक्रम का संचालन राजनीति शास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ अर्चना ने किया. मौके पर कॉलेज के प्राध्यापक डॉ स्नेह लता कुसुम, परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार सिन्हा, प्रोफेसर तरुण कुमार, डॉ किरण कुमारी, डॉ रिचा, डॉ वाल्मीकि राम, डॉ सिद्धार्थ भारद्वाज व अन्य शिक्षक मौजूद रहे.

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