21.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 09:35 pm
21.1 C
Ranchi
No videos found

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

विलुप्त होती जा रही हल-बैल की किसानी की परंपरा

Advertisement

पारंपरिक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता रहती है बरकरार

Audio Book

ऑडियो सुनें

अलीगंज. मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती… यह गीत सुनते ही मन मस्तिष्क में एक छाया उभर कर आती है और वह होती है खेत में हल और बैलों के साथ काम करते हुए किसान, जो अपने अथक परिश्रम और लगन से मिट्टी से अनाज उगा कर सभी का पेट भरते हैं. लेकिन अब किसानी व खेती के तौर-तरीकों में बदलाव आ गया है. तकनीक आधारित खेती ने किसानी को काफी बदल दिया है. पारंपरिक तरीके की खेती शायद अब अपने अंतिम दौर में है, लगातार खत्म होती जा रही है. नयी पीढ़ी के किसान हल-बैल के सहारे खेती करना नहीं पसंद करते हैं. हालांकि हल-बैल से खेती में मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है, ऐसा किसी अन्य प्रकार से संभव नहीं होता है.

छोटे किसान पारंपरिक खेती के तरीके को रख रहे जीवित

छाेटे किसान अभी भी हल और बैल के माध्यम से ही खेती करते हैं. किसान तुलसी महतो, सुरेश कांदु, केदार महतो, रामरूप यादव, संजय महतो, रामधीन यादव समेत अन्य किसान बताते हैं कि छोटी जोत में ट्रैक्टर के माध्यम से जुताई संभव नहीं होती है. जिन किसानों के पास छोटी खेती है वैसे किसानों को पारंपरिक रूप से ही खेत की जुताई करनी पड़ती है. कई किसानों ने बताया कि बैल व हल से जुताई करने पर मिट्टी की गुणवत्ता कायम रहती है. ट्रैक्टर से जुताई करने पर मिट्टी में पाये जाने वाले केचुए खत्म हो जाते हैं, जो हल-बैल से जुताई करने पर बचे रहते हैं. बैल और हल के माध्यम से जुताई किये गये खेत का उत्पादन में भी फर्क होता है. हम मिट्टी से जुड़े हैं, मिट्टी पर रहते हैं, मिट्टी से ही जीवन यापन होता है और अंतिम समय भी मिट्टी में मिलते हैं. ऐसे में हम अपनी पारंपरिक खेती को आगे बढ़ाते हैं, जो हमारे पूर्वज करते रहे थे. किसानों ने कहा कि हमारे बारे में सरकार को और सोचना चाहिये. बड़े-बड़े उद्यमियों और अमीरों के कर्ज माफ कर दिये जाते हैं लेकिन किसान का छोटा सा कर्ज भी माफ करने पर हो-हल्ला होने लगता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर