28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Hindenburg Research : फिर धमाके के लिए तैयार हिंडनबर्ग, रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर उठ चुके हैं सवाल

Advertisement

Hindenburg Research : हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय निवेशकों को एक बार फिर सचेत कर दिया है और यह बताया है कि उनकी लिए बड़ी सूचना है. हिंडनबर्ग के एक्स पोस्ट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. हिंडनबर्ग किस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती है यह जानने के लिए लोग उत्सकु हैं, लेकिन रिपोर्ट की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Hindenburg Research : हिंडनबर्ग रिसर्च एक साल बाद भारत में फिर धमाका करने की तैयारी में है और उसने इसके संकेत शनिवार सुबह दे दिए हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है-Something big soon India. यानी जल्दी ही भारत के लिए जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है. हिंडनबर्ग के इस पोस्ट के बाद से भारत में चर्चाओं का बाजार गर्म है और सब यह कह रहे हैं कि अदाणी के बाद अब किसकी बारी है. हिंडनबर्ग रिसर्च ना सिर्फ गूगल के टाॅप ट्रेंड में है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म में भी ये ट्रेंड कर रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने अदाणी ग्रुप के शेयरों की कीमत में की गई हेराफेरी पर विस्तृत जानकारी थी.

- Advertisement -

इस रिपोर्ट के आने के बाद कुछ महीनों तक अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और कंपनी को बड़ा नुकसान भी हुआ था. निवेशकों को 30 अरब डालर से ज्यादा का नुकसान हुआ था, वह भी महज कुछ महीनों में.
हिंडनबर्ग के एक बार फिर संकेत दिए हैं कि वह भारत को लेकर कोई बड़ा खुलासा कर सकता है. अब सबके मन में यह सवाल है कि आखिर हिंडनबर्ग रिसर्च का अगला टारगेट कौन है? आम आदमी यह जानने के लिए बेताब है कि हिंडनबर्ग आखिर इस बार किस उद्योगपति को निशाने पर लेता है? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सेबी ने उसे नोटिस भेजा था, जिसे हिंडनबर्ग ने सच्चाई सामने लाने वाले को चुप कराने की कोशिश बताया था. अदाणी समूह ने तो हिंडनबर्ग की पूरी रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया था और उसे झूठा और बदनाम करने वाला बताया था.


क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च

हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की इंवेस्टमेंट रिसर्च कंपनी है, जिसकी स्थापना 2017 में नाॅथन एंडरसन ने की थी. एंडरसन इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएट हैं. उन्होंने अपने शुरुआती नौकरी में डाटा रिसर्च पर काम किया. उनका रिसर्च पैसे के इंवेस्टमेंट को लेकर था. यही से उनकी रुचि शेयर बाजार और उससे जुड़े रिसर्च में हुई. बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी खोली और शेयर मार्केट पर रिसर्च करने लगे. रिसर्च में उन्होंने शेयर मार्केट में हो रहे घपलों को उजागर करना शुरू किया. चूंकि शेयर मार्केट में आम आदमी भी इंवेस्ट करता है, इसलिए उसकी नजर उस कंपनी पर रहती है, जहां से उसे मुनाफा होगा. वह कतई उस कंपनी के शेयरों में पैसा नहीं लगाना चाहेगा, जहां उसके पैसे का गलत इस्तेमाल हो और उसका लाभ भी उसे ना मिले.

Also Read :Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ एक्ट बिल पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा- यह जुल्म है, क्या राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होगा गैर हिंदू?


हिंडनबर्ग के रिसर्च से इसी तरह की घपलेबाजी उजागर हुई और आम आदमी को मदद मिली. हालांकि हिंडनबर्ग की रिसर्च पर कई बार सवाल उठाए गए और यह भी कहा गया कि यह अपने हित में कंपनी को बदनाम करने की साजिश है. लेकिन कंपनी कहती है कि हम बाजार में मौजूद मानव निर्मित आपदाओं के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं.

आम आदमी को नुकसान से बचाने का दावा करती है कंपनी

विदेश मामलों के जानकार शशांक बताते हैं कि हिंडनबर्ग जैसी कंपनियां अवयरनेस का काम करने का दावा करती हैं. इनका कहना है कि वे यह चाहती है कि आप आदमी को नुकसान ना हो. यह बात स्वाभाविक है कि जो लोग बाजार में अपना पैसा लगाते हैं, उनकी मंशा मुनाफा कमाने की रहती हैं. वे अपने पैसे को उस तरह की कंपनी में नहीं लगाना चाहेंगे जहां से उनको पैसे का नुकसान हो और प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठे. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि रिसर्च कंपनियां होशियारी दिखाने के लिए भी इस तरह के रिपोर्ट जारी करती है, जिसका उद्देश्य अवयरनेस के अतिरिक्त भी बहुत कुछ होता है. कई बार कंपनियों को टेकओवर करने और उसे बदनाम करने की मंशा से भी इस तरह के रिपोर्ट जारी किए जाते हैं.


जहां तक बात रिपोर्ट की विश्वसनीयता की है, तो अगर सरकार को लगता है कि एक विदेशी कंपनी उनके देश की कंपनियों को बदनाम कर रही है और यह अनैतिक और गैरकानूनी है तो वे संबंधित देश से इस संबंध में करार कर सकते हैं. जैसे अपराधियों के संबंध में होता है,लेकिन वित्तीय मामलों में अबतक यह संभव नहीं हो पाया है.

Also Read :Jaya Amitabh Bachchan : जया अमिताभ बच्चन कहने से क्यों नाराज हैं ‘गुड्डी’, नाम पर क्या है कानून

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें