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वार्डों में नहीं जल रहीं लाइटें, लोगों को हो रही परेशानी

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नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में आने वाले समय में अंधेरा छा सकता है. खासकर उन वार्डों में लाइटों की स्थिति बहुत खराब है जिस वार्ड में बड़े पैमाने पर दुर्गा और छठ पूजा का आयोजन नहीं हुआ था.

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जहानाबाद.

नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में आने वाले समय में अंधेरा छा सकता है. खासकर उन वार्डों में लाइटों की स्थिति बहुत खराब है जिस वार्ड में बड़े पैमाने पर दुर्गा और छठ पूजा का आयोजन नहीं हुआ था. ऐसे वार्डों में इक्के दुक्के बल्ब ही जल रहे हैं. शहर के विभिन्न वार्डों में लाइट की वर्तमान स्थिति पर नगर परिषद की पिछले बैठक में पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा भी हुआ था. नगर परिषद में अब नए कार्यपालक पदाधिकारी के पदभार ग्रहण करने के बाद लोगों के मन में लाइट को लेकर नई उम्मीद जगी है. नए बोर्ड के गठन के बाद से ही नगर परिषद के पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच रस्साकसी के कारण विकास कार्य प्रभावित रहा है. जहां तक नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में लाइट की स्थिति का सवाल है तो वह बदतर स्थिति में है. ऐसा इसलिए क्योंकि वार्डों में नई लाइट लगाना तो दूर मरम्मत का काम भी ठीक से नहीं चल रहा है जिसके कारण अधिकांश वार्डों में लगाये गये बड़ी संख्या में एलईडी बल्ब या गायब हैं या खराब हो चुके हैं.जबकि पिछले पांच वर्षों में हर वार्ड में एलईडी लाइट लगाने का जो टारगेट रखा गया था, उसमें से आधी लाइटें ही लगाई गईं. यानी नगर परिषद क्षेत्र की 33 वार्ड में जितनी लाइट लगायी जानी थी, उनमें से आधी लाइट ही लगायी गयी और जो आधी लाइटें लगीं उनमें से भी बड़ी संख्या में लाइट खराब हो चुकी है. हाल यह है कि दुर्गा पूजा और छठ पूजा समिति से जुड़े वार्ड को छोड़कर हाल के दिनों में बहुत सारे वार्डों में लाइट की मरम्मत भी नहीं हो सकी है. कुछ वार्डों में मरम्मत हुई तो कुछ वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके वार्डों में जान बूझ कर लाइटों की मरम्मत नहीं करायी गयी जिसके कारण ऐसे वार्डों में जहां-तहां इक्के-दुक्के एलईडी बल्ब ही जलते नजर आते हैं. नगर परिषद द्वारा अगर पिछले 10 सालों में लगाया गयी लाइटों का सर्वे कराया जाये तो बड़ी संख्या में वार्डों से लाइट गायब मिलेंगे. पिछले 10 साल में नगर परिषद क्षेत्र में कितनी लाइट लगायी गयी और कितनी बिजली के पोलों पर मौजूद है, इसका कोई सर्वे नहीं हुआ है और न ही वार्डों से गायब लाइटों का कोई लेखा-जोखा है. लगायी गयी लाइट कहां गयी, यह बताने वाला कोई नहीं है. पिछली बोर्ड की बैठक में भी नगर परिषद के वार्डों में खराब लाइट को लेकर जोरदार चर्चा हुई जिसमें यह बताया गया की सरकार नई लाइटों की खरीद करने पर रोक लगा दी है, जिसके कारण बोर्ड के द्वारा नई लाइट खरीद कर वार्डों में लगाना संभव नहीं है.

पांच साल पहले इइएसएल कंपनी से हुआ था करार :

नगर परिषद के द्वारा 5 साल पहले इइएसएल कंपनी से नगर परिषद क्षेत्र में 12000 लाइट लगाने का एग्रीमेंट किया गया था. एग्रीमेंट के पांच साल बाद भी इइएसएल कंपनी ने वार्डों में करीब आधी लाइटें यानी 6300 लाइटें ही लगाई. बाकी की आधी लाइट अब कंपनी द्वारा लगाई भी नहीं जायेगी. नगर परिषद में यह बताने वाला भी कोई नहीं है कि जो 6300 लाइटें लगाई गई, वह कहां हैं क्योंकि वार्डों में जो लाइटें लगायी गयी थीं उसमें से बहुत ही कम लाइटें पोल पर बची हैं. बाकी की लाइट है, क्या हुई, यह बताने वाला कोई नहीं है. 6300 लाइटों में से आधे से अधिक का तो पता ही नहीं है, बाकी बचे लाइट में से भी काफी लाइटें खराब हैं. एजेंसी के द्वारा जो नगर परिषद क्षेत्र में 6300 लाइटें लगाई गई थीं, उनमें से 25 प्रतिशत लाइट भी ठीक से नहीं जल रही है.

इइएसएल कंपनी द्वारा कब की बंद कर दी गयी लाइटों की मरम्मत :

कंपनी द्वारा लाइटों का मेंटेनेंस कब की बंद कर दी गयी. पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से उक्त कंपनी के द्वारा मरम्मत नहीं की गयी है. कंपनी द्वारा पिछले डेढ़ साल से लाइटों का मेंटेनेंस नहीं हुआ है. इधर नगर परिषद द्वारा लोकल स्तर पर कुछ लाइटों की मरम्मत का दावा किया गया, लेकिन मुख्य पार्षद का कहना है कि वह केवल पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी के फेवर वाले पार्षदों के वार्ड में होता रहा और उसका अनाब-सनाप लाखों का बिल बनाया गया जिसका विरोध भी हुआ. हमलोगों के वार्ड में जो लाइटें जल रही हैं वह भी कब खराब हो जाएगी कुछ नहीं कहा जा सकता है.

2018 में हुआ था इइएसएल से एग्रीमेंट :

नगर विकास विभाग और इइएसएल कंपनी के बीच वर्ष 2018 में जहानाबाद नगर परिषद क्षेत्र में 12 हजार एलईडी लाइटें लगाने का एग्रीमेंट किया गया था. कंपनी ने 2019 तक 63 सौ लाइटें लगा दी लेकिन इसके बाद कोरोना का हंगामा हुआ और लॉक डाउन लग गया, जिसके बाद कंपनी ने यहां लाइट लगानी बंद कर दी. वर्ष 2019 के बाद से अब तक कंपनी के द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में एक भी लाइट नहीं लगाई है.

कंपनी को नहीं हुआ पूरे पैसे का भुगतान :

नगर विकास विभाग और इइएसएल कंपनी के बीच एग्रीमेंट में पूरी लाइटें लगाने के बाद कंपनी को भुगतान का समझौता किया गया था. कंपनी द्वारा इन लाइटों को इंस्टॉल करने के बाद अगले सात साल तक मेंटेनेंस की भी जिम्मेदारी दी गयी थी. कंपनी को प्रति वर्ष के हिसाब से सात साल तक नगर परिषद जहानाबाद के द्वारा पैसे का भुगतान किया जाना था. अब चूंकि कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार पूरी लाइटें नहीं लगायी तो नगर परिषद ने भी उसके पूरे पैसे का भुगतान नहीं

किया है.

लंबे समय तक इइएसएल और नगर के बीच परिषद के बीच हुआ पत्राचार :

पिछले तीन साल तक नगर परिषद और इइएसएल के बीच पत्राचार होता रहा. एग्रीमेंट के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में 12000 लाइटें लगाने का अनुरोध नगर परिषद के द्वारा किया जा रहा था. लेकिन कंपनी के कान पर जूं नहीं रेंगा. कंपनी उसके द्वारा लगाई गई 6300 लाइटों का पूरा भुगतान मांग रही थी. जबकि नगर परिषद का कहना था कि एग्रीमेंट के अनुसार जब तक 12000 लाइट नहीं लगाई जाती तब तक उसका भुगतान कैसे किया जा सकता है. कंपनी 63 सौ लाइट की शिकायत कर उसका पूरा भुगतान मांग रही थी. इसी रस्साकशी के बीच पिछले डेढ़ साल से कंपनी ने शहर में लगी एलईडी लाइट का मेंटेनेंस भी बंद कर दिया है. बताया जाता है कि नए बोर्ड के गठन के बाद कंपनी को कुछ भुगतान किया गया है, किंतु अभी भी कंपनी का पैसा बकाया है.

आंतरिक संसाधनों से मरम्मत पर भी बवाल :

सरकार द्वारा नई लाइट की खरीद पर रोक लगा दी गई तो आंतरिक संसाधन से मरम्मत का रास्ता बचा. जहानाबाद नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में आंतरिक संसाधनों से वार्डों की खराब लाइट की मरम्मत करने पर सभी पार्षदों की सहमति भी बनी. पिछले कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यकाल में अगस्त 2023 से फरवरी 2024 तक शहर के विभिन्न वार्डों में खराब लाइटों की मरम्मत करायी गयी जिसमें लाइटों की मरम्मत के नाम पर चुनी गई एजेंसी के द्वारा बहुत ज्यादा बिल के भुगतान की अर्जी देने और उसमें से लाखों रुपए के भुगतान का भी आरोप लगा. इसके बाद से एजेंसी का भुगतान बंद है और लाइट की मरम्मत भी बंद है. यानी फरवरी माह के बाद से अब तक शहर के किसी वार्ड लाइट में मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है जिसके कारण ज्यादातर लाइट खराब हो चुकी है और वार्डों में अंधेरा छाया रहता है.डीएम की पहल पर पिछले साल पर्व में पूजा-पंडालों के आसपास लाइटों की हुई थी मरम्मत : दशहरा, दीपावली और छठ पर्व के समय तत्कालीन जिलाधिकारी रिची पांडेय के द्वारा दबाव डालकर शहर में पूजा-पंडालों और छठ घाट के आसपास लाइटों की मरम्मत कराई गई. इस दौरान पूजा पंडालों के आसपास कुछ लाइटें लगाई भी गई किंतु पूजा स्थल को छोड़कर शहर के ज्यादातर वार्ड में बड़ी संख्या में लाइट खराब हैं. नई लाइट भी नहीं लगाई गई है जिसके कारण ज्यादातर वार्डों में अंधेरा छाया रहता है जो लाइट लगी उसकी गिनती पूरी नहीं है. ऐसे में लोगों को अंधेरे में ही गलियों से होकर आना-जाना पड़ रहा है.क्या कहती हैं मुख्य पार्षदपिछली एजेंसी के द्वारा आधी लाइटें लगाकर छोड़ दी गयीं. उसका भुगतान भी रुका. सरकार ने नई लाइट खरीद पर रोक लगा दी है. पिछले कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यकाल में आंतरिक संसाधन से लाइटों की मरम्मत शुरू की गयी थी जिसमें अनाप-सनाप बिल बनाने और सभी वार्डों में समान रूप से मरम्मत नहीं कराने आरोप लगाया गया जिसके कारण फरवरी के बाद से मरम्मत का कार्य बंद है. अगली बैठक में इस पर शायद कोई रास्ता निकले.

रूपा देवी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, जहानाबाद

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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