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नियोजित शिक्षकों को मिले सहायक शिक्षक की भांति वेतन व सुविधा : प्रदीप कुमार पप्पू

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सहायक शिक्षक की भांति वेतन व सुविधा

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मधेपुरा

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक सीएम साइंस कॉलेज मधेपुरा में रविवार को जिलाध्यक्ष भुवन कुमार की अध्यक्षता में आहूत की गयी. जिसमें जिला, अनुमंडल, प्रखंड संघ के सभी संघीय पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि ने भाग लिए.

बैठक को मुख्यरुप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने संबोधित करते हुए कहा कि सूबे के सरकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की विभिन्न श्रेणी कर सरकार ने शिक्षा व्यवस्था के साथ भेदभाव कर डाला है. क्योंकि एक ही विद्यालय में कई प्रकार के शिक्षक सेवा एवं सुविधा के आधार पर कार्य कर रहे है. उसे दूर कर ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो पायेगा. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक के नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा लेकर नये कैडर का राज्यकर्मी बनाना उनके भविष्य के साथ बड़ा धोखा है. क्योंकि उन्हें राज्यकर्मी के सहायक शिक्षकों की भांति वेतन, प्रोन्नति समेत अन्य सभी सुविधा मिलेगा ही नहीं.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संघ अपनी मांगों पर आज भी अडिग है. सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त सहायक शिक्षकों की भांति वेतन व सभी सुविधा देकर राज्यकर्मी का दर्जा दें. पप्पू ने कहा कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. संघ उस के प्रति भी गंभीर है.

प्रदेश अध्यक्ष पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर शिक्षकों को समाज में अपमानित एवं जलील कर रहे हैं. कभी निरीक्षण के नाम पर तो कभी ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के नाम पर. ऐसा लगता है कि राज्य में शिक्षक सबसे बड़ा अपराधी है उसे पकड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. इस प्रकार के हालत और परिस्थिति में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने के बजाय दिन प्रति दिन एवं कमजोर होगी. शिक्षा सहजता एवं शालीनता के द्वारा प्रदान की जा सकती है न कि दबाव के द्वारा पूरा किया जा सकता है.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक दिन नये नियम बनाने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी जून माह के शिक्षकों के वेतन हेतु राज्य के सभी जिलों को समुचित आवंटन नहीं भेजा है. इस कारण जिले के सभी शिक्षकों को पूर्ण रूपेण माह का वेतन भी नहीं मिल पाया है. जो घोर चिंता का विषय है. सिर्फ शिक्षकों के लिए नये फरमान जारी कर कार्य के लिए दबाव बनाया जाना लेकिन समय पर वेतन नहीं मिलना शिक्षा विभाग की असलियत को उजागर करता है.

पप्पू ने स्पष्ट कहा कि सरकार एवं शिक्षा विभाग की मनसा स्पष्ट है कि शिक्षकों को तंग तबाह करना है. शैक्षणिक माहौल एवं शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने से उनका कहीं भी सरोकार नहीं है. क्योंकि बेहतर शिक्षा स्थापित करने हेतु शिक्षकों की समस्याओं का पहले समाधान करना होगा.

राज्य भर के शिक्षा विभाग सभी कार्यालय में लूट मची है. एजेसिंयों द्वारा बीआसी में बीआरपी बहाली, सफाईकर्मी, बेंच डेस्क आपूर्ति में गुणवत्तापूर्ण एवं सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है. इसकी राज्य भर में उच्चस्तरीय जांच कराई जाय ताकि भष्ट्राचारियों का पोल खुल सकें.

पप्पू ने कहा कि विभागीय पदाधिकारी के लापरवाही कारण जिले स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है. ज्वलंत उदाहरण नियोजित शिक्षकों को 12 वर्ष पर कालबद्ध प्रोन्नति, छठे चरण के नियोजित शिक्षकों को दो वर्ष उपरांत प्रशिक्षित वेतन फिक्सेशन एवं सेवा पुस्तिका का संधारण, विद्यालय अध्यापक का सेवा पुस्तिका संधारण, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया के नाम पर बंद शिक्षकों का वेतन भुगतान, शिक्षकों के लंबित वेतन एवं मासिक वेतन भुगतान, प्रशिक्षण अनुत्तीर्ण शिक्षकों का पूरक परीक्षा का आयोजन समेत विभिन्न समस्याओं का समाधान अविलंब किया जाये, अन्यथा संघ बाध्य होकर चरणबद्ध अंदोलन करेगी.

जिलाध्यक्ष भुवन कुमार ने कहा कि शिक्षक एकजुट एवं संघ से जुड़े शिक्षकों की हरेक समस्याओं का समाधान होगा.

बैठक में मुख्य रूप से जिला सचिव संजय कुमार, नीलम कुमारी, संजय कुमार राम प्रखंड अध्यक्ष चौसा सुनील कुमार यादव, पुरैनी प्रखंड अध्यक्ष सुबोध कुमार सुधीर, सिंघेश्वर प्रखंड सचिव निशांत ठाकुर, मुरलीगंज प्रखंड सचिव अरविंद कुमार सिंह, शंकरपुर मीडिया प्रभारी रितेश कुमार सिंह, घैलाढ़ प्रखंड सचिव इकबाल, आलमनगर जिला प्रतिनिधि महेश कुमार, लक्ष्मण मुखिया, विजय राम, बालकृष्ण यादव मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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