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Saharsa news : नयी तकनीक से खेती कर विकास कमा रहे अच्छा मुनाफा

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Saharsa news : जिला उद्यान कार्यालय के सहयोग से विकास लगभग 25 लाख की लागत से एफएलडी का निर्माण करा कर बीजरहित खीरा की खेती किये हैं.

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Saharsa news : आज जहां लोग खेती-किसानी से मुंह मोड़ रहे हैं, वहीं कुछ लोग लीक से हटकर खेती कर अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रहे हैं. नयी तकनीक से खेती करने से किसानों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के पटुआहा गांंव के रहनेवाले व फौज से सेवानिवृत्त विकास चंद्र मिश्र ने भी लीक से हटकर खेती करने की सोची और वे आज बेहतर कर रहे हैं. जिला उद्यान कार्यालय के सहयोग से विकास चंद्र लगभग 25 लाख की लागत से एफएलडी का निर्माण करा कर बीजरहित खीरा की खेती किये हैं. अच्छी पैदावार होने से बाजार में अब यहां का बीजरहित खीरा पहुंच रहा है. विकास बताते हैं कि फौज की नौकरी से रिटायर होने के बाद वह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर वाली बातों से प्रेरित हुए और अपने रोजगार के लिए खेती का चयन किया एवं दूसरों को भी रोजगार से जोड़ा.

नयी तकनीक से मिल रहा लाभ

उन्होंने कहा कि परिवार के सभी लोग खेती पर ही आश्रित हैं. इसलिए उन्होंने कृषि को अपने रोजगार के लिए प्राथमिकता दी. जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क किया. इसी दौरान नयी तकनीक एफएलडी की जानकारी मिली. इसमें शत-प्रतिशत सब्सिडी है. फिर इस नयी तकनीक से खेती की शुरुआत की. इसमें उन्होंने सीडलेस खीरा की खेती की. आज इससे काफी मुनाफा भी हो रहा है एवं कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. आगे शिमला मिर्च एवं स्ट्रॉबेरी की की खेती करने का प्लान है. सीडलेस खीरा शत-प्रतिशत जैविक खाद से तैयार हो रहा है. खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही इसमें मिनरल की मात्रा भी अत्यधिक पायी जाती है. सामान्य खीरा की अपेक्षा अभी वह खीरा, केला, ओल, हल्दी एवं आम की विभिन्न प्रजातियों की खेती कर रहे हैं. मछली पालन पर भी प्रमुखता से ध्यान दे रहे हैं. उनका उद्देश्य है इससे आय 10 गुना तक पहुंचे. उन्होंने युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से कहा कि जो बाहर रोजगार के लिए जाते हैं, अगर जागरूक रह कर और लीक से हटकर काम करें, तो उन्हें अपने ही गांंव में रोजगार मिल सकता है.

प्लास्टिक मंच पर की जाती है खेती

जिला कृषि पदाधिकारी ज्ञानचंद्र शर्मा ने बताया कि यह बिल्कुल नयी तकनीक फ्रंटलाइन डेमोस्ट्रेशन वाली खेती है. इसमें प्लास्टिक मंच पर खेती की जाती है. इसमें डीप एरिगेशन होता है. पौधे को जितनी पानी की आवश्यकता होती है, उतना ही पानी मिलता है. इसमें फॉगिंग के माध्यम से भी सिंचाई की जाती है. उन्नत बीज किसान को उपलब्ध कराया जाता है. सीडलेस खीरा की खेती कर विकास चंद्र मिश्र अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस तकनीक से किसान शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी की भी खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

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