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शहर में मात्र तीन शौचालय, साफ-सफाई का अभाव, प्रसाधान के लिए होती है परेशान

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शहर में नगर पर्षद अध्यक्ष, जिला पर्षद अध्यक्ष व विधायक हैं महिला, फिर भी समस्या का नहीं हो रहा समाधान

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नवादा नगर.

शहर में आप अपने परिवार के साथ बाजार में निकले हैं और अचानक बाजार में आपको शौचालय जाने की अनुभूति हो, तो कुछ पल के लिए आपके पसीने छूटने लगेंगे. आपको शौच निवृत्ति के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है. बाजारों में सार्वजनिक शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जब लोगों को शौच करने की इच्छा होती है, तो लोग जुगाड़ तंत्र का सहारा लेने को मजबूर होते हैं. शहर में नगर पर्षद अध्यक्ष महिला है. जिला पर्षद अध्यक्ष महिला है. और तो और विधायक भी महिला हैं. इसके बावजूद महिलाओं के लिए अभी तक किसी प्रतिनिधि ने इस बारे में नहीं सोचा है. शहर में तीन शौचालय हैं. एक नगर पर्षद कार्यालय के पास, दूसरा निबंधन कार्यालय के पास, तीसरा पटना बिहार सरकारी स्टैंड के पास. लेकिन, यह तीनों शौचालय की रख-रखाव ठीक नहीं रहने के कारण वहां कोई जाना पसंद नहीं करता है. लेकिन, इन समस्याओं पर न तो किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान गया और न ही किसी अधिकारी का. पूर्णरूप से ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में मूत्रालय और शौच जारी है. पर्व-त्योहार और शादी विवाह के समय में तो स्थिति बेहद खराब हो जाती है. बाजार भीड़ से पटा होता है. शौच आने की स्थिति में लोग न तो बंगले झांक सकते हैं और न ही किसी कोने का सहारा ले सकते हैं.

होती है परेशानी:

स्थानीय लोगों का कहना है कि बाजारों में कम से कम एक सार्वजनिक शौचालय अवश्य होना चाहिए, ताकि कुछ राहत मिल सके. साथ ही स्वस्थ व स्वच्छ समाज की परिकल्पना की जा सके. शहर में सभी प्रखंडों से मार्केटिंग के लिए एक दिन में लाखों की तादाद में लोग बाजारों में आते हैं, लेकिन शौचालय नहीं होने के कारण इमरजेंसी में रेल पटरी के किनारे, तो कुछ लोग खुरी नदी का सहारा लेते है.

महिलाओं के सहत पर पड़ता है असरशौचालय की बात, तो दूर बाजारो में पेशाबघर तक ठीक से नहीं है. पांच साल पहले नगर पर्षद की ओर से शहर में सड़क किनारे दर्जनों प्रसाधन बनाये गये थे. इनमें से कुछ आसामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़ दिया गया, तो कुछ अतिक्रमण कर लिया गया. बाकी जो बचा है. उसकी स्थिति जर्जर बनी हुई है. इससे सबसे बड़ी परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है. महिलाएं शौचालय के लिए जाएं, तो कहां जाएं. एक तरफ तो महिलाओं को सभ्य कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है. वहीं, दूसरी ओर उन्हें खुले में शौच करने के लिए मजबूर किया जाता है. महिलाओं को भी शौच की स्वाभाविक जरूरत होती है. पुरुष तो अपनी इस स्वाभाविक जरूरत को दीवारों, पेड़ों, गली, नुक्कड़ या चौराहों के दबे- छिपे कोनों में पूरी कर लेते हैं, लेकिन महिलाएं कहा जाएं. सरकार को बाजारों के भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सार्वजनिक शौचालय बनवाना चाहिए, सरकार स्वच्छता अभियान पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन चौक-चौराहों व बाजारों पर शौचालय का निर्माण नहीं करा रही है. समस्या हर उस महिला की है, जो घर से बाहर निकलती हैं. पब्लिक टॉयलेट के अभाव में वह अपनी इस स्वाभाविक जरूरत को घंटों दबा कर रखती है और अनेकानेक बीमारियों को आमंत्रण देती हैं. आसपास वाशरूम न होने के कारण कई बार तो वे घंटों पानी नहीं पीतीं, ऐसी स्थिति में वे डीहाइड्रेटेड भी हो जाती है. फील्ड में काम करने वाली महिलाएं इस नजर से खासी परेशान रहती हैं. डाक्टरों का मानना है कि शौचालय न होने की वजह से जो महिलाएं बहुत देर तक यूरीन पास नहीं कर पाती, उन्हें यूरीन इनफैक्शन और किडनी इनफैक्शन होने का खतरा रहता है.

क्या कहते हैं जिला परिषद अध्यक्षडेढ़ साल पहले समाहरणालय के सुधा डेयरी के बगल में जिला पर्षद की भूमि नगर पर्षद को शौचालय बनाने के लिए दिया गया था, जिसका निर्माण नगर पर्षद ने अभी तक नहीं किया है. यदि अब वह नहीं कर पा रहे हैं, तो जिला पर्षद की भूमि वापस लेकर, जिला पर्षद खुद डीलक्स शौचालय का निर्माण करायेगी. पुष्पा कुमारी, जिला परिषद अध्यक्ष, नवादाक्या बोले नगर पर्षद सिटी मैनेजरशहर के प्रजातंत्र गेट के बगल में पीपी मोड पर डीलक्स शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है. इसकी कैपेसिटी 10 सीट की है, जो महिला और पुरुष दोनों के लिए उपयुक्त होगा. इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

– नागमणि सिंह, नगर प्रबंधक, नवादा नगर परिषदक्या कहते हैं शहर के लोगसार्वजनिक शौचालय नहीं होने से खरीदारी के लिए आने वाले ग्रामीण इलाकों के लोगों को प्रसाधन के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है. खासकर महिलाओं को अधिक परेशानियां उठानी पड़ती है, ज्यादा देर तक यूरीन रोकने से स्वास्थ्य भी बिगड़ सकती है.

गौरव कुमार दुकानदार, विजय बाजारबाजार में शौचालय नहीं होने से ज्यादातर परेशानी महिलाओं व बच्चों को होती है. बाजार में आने वाले लोगों को प्रसाधन के लिए खुले में जाना पड़ता है. इसके कारण शहर में गंदगी फैल रही है. लोग जहां खाली जगह देखते है. वहीं, शुरू हो जाते है.

मुकेश जैन लड्डू, कपड़ा व्यवसायी, अस्पताल रोड, प्रजातंत्र चौक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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