24.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 02:00 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Sati-Satyavan Mandir: अनोखे मेले के लिए प्रसिद्ध है पटना का सती-सत्यवान मंदिर…

Advertisement

Sati-Satyavan Mandir: बिहार की राजधानी पटना के रानीपुर बभनगामा में स्थित सती सावित्री-सत्यवान मंदिर का इतिहास दिलचस्प है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर अखंड सुहाग के लिए प्रसिद्ध है. साल में एक बार 'हैरतंगेज पंजर भोकवा मेले' का आयोजन किया जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Sati-Satyavan Mandir: बिहार की राजधानी पटना के रानीपुर बभनगामा में स्थित सती सावित्री-सत्यवान मंदिर का इतिहास दिलचस्प है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर अखंड सुहाग के लिए प्रसिद्ध है साथ हीं इस मंदिर से सती सत्यवान की भी कई मान्यताएं जुड़ी हुई है.

बता दें कि यहां पहले जंगल हुआ करता था. साल में एक बार ‘हैरतंगेज पंजर भोकवा मेले’ का आयोजन किया जाता है. जिसमें लोग शरीर में लोहे के पंजर को भोंक कर चलते हैं लेकिन उनके शरीर से एक बूंद भी खून नहीं निकलता है.

यम के दूत हैं पंजर भोकवा

रानीपुर के सती-सत्यवान मंदिर से संबंधित यह प्रथा 500 साल पुरानी है. कई स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी आंख से ऐसा देखा है कि कुछ लोग भरी हुई बैलगाड़ी के पहिए को अपने गले के ऊपर से पार करवा लेते थे और उनका बाल तक बांका नहीं होता था. इस मेला में लोग जलती हुई खप्पर को धवलपुरा से रानीपुर तक हाथों में लेकर चलते हैं.

ऐसा खतरनाक काम करने के बाद भी लोगों को कुछ नहीं होता है. इसलिए लोग इसे भगवान का चमत्कार समझते हैं. उनके अनुसार मेले में पंजर भोकवा यम के दूत होते हैं, इसलिए वे लोहे के सरिए को भी शरीर से आर-पार करने में सोचते नहीं हैं.

क्या है इतिहास

स्थानीय लोगों के मुताबिक जब यमराज सत्यवान के प्राण निकालकर अपने साथ यमलोक ले जाने लगे तो सावित्री भी उनका पीछा करने लगीं. यमराज ने सावित्री को समझाया, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी. यह देखकर यमराज ने सावित्री से कहा कि ‘तुम मुझसे कोई भी वरदान मांगो और यहां से वापस लौट जाओ. इसपर सावित्री ने कहा कि ‘मेरे सास-ससुर अंधे हैं, इसलिए आप उनकी आंखों की रौशनी लौटा दो. यमराज ने सावित्री का वरदान पूरा कर दिया.

वरदान पाने के बाद भी सावित्री यमराज का पीछा नहीं छोड़ी इसलिए यमराज ने उसे दूसरा वर मांगने को कहा. बता दें कि दूसरा वरदान पाकर भी सावित्री यमराज के पीछे चलते हुए यमलोक के द्वार तक पहुंच गई. ये देख यमराज ने सावित्री को तीसरा वरदान मांगने को कहा. इस बार सावित्री ने यमराज से 100 संतान और अखंड सौभाग्यवती का वरदान मांग दिया. यमराज ने सावित्री का इस वरदान को भी पूरा कर दिया.

तब सावित्री ने यमराज से कहा कि ‘प्रभु मैं एक पतिव्रता स्त्री हूं और आपने मुझे पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया है. लेकिन मेरे पति के प्राण आपके पास हैं, ऐसे में आपका ये वरदान कैसे पूरा होगा. सावित्री की यह बात सुनकर यमराज ने सत्यवान के प्राण को मुक्त कर दिए, जिससे वह पुन: जीवित हो गया.

लोक आस्था के इस पर्व यानी मेले में स्थानीय लोगों द्वारा “लोग सत नारी के सत्यवान हैं, जिनसे हार गए भगवान” गीत गाया जाता है. इस मन्दिर में प्रत्येक साल सतुवानी के समय तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है. पौराणिक कथानुसार सती की कठोर तप से हार मान यमराज ने सत्यवान के प्राण वापस किए थे. उस समय से लेकर आज तक सती और सत्यवान को याद किया जाता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps News Snaps
News Reels News Reels Your City आप का शहर