18.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 12:52 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मॉडल सदर अस्पताल का आइसीयू महीनों से बंद, हर रोज पांच मरीज मेडिकल कॉलेज किये जा रहे हैं रेफर

Advertisement

आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) यानी गहन देखभाल इकाई महीनों से बंद पड़ा है. आइसीयू बंद होने की वजह से सदर अस्पताल से हर रोज पांच मरीज मेडिकल कॉलेज रेफर किये जा रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गोपालगंज. आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) यानी गहन देखभाल इकाई महीनों से बंद पड़ा है. आइसीयू बंद होने की वजह से सदर अस्पताल से हर रोज पांच मरीज मेडिकल कॉलेज रेफर किये जा रहे हैं. गरीब तबके के मरीजों को आइसीयू बंद रहने से ज्यादा परेशानी हो रही है. पैसे के अभाव में महंगा इलाज नहीं करा पा रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन आइसीयू को चालू करने की दिशा में ध्यान नहीं दे रहा है. गोपालगंज जिला नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है. तत्कालीन डीएम स्व. कृष्ण मोहन ने जून-2013 में आइसीयू का उद्घाटन किया. आइसीयू बंद होने के कारण सड़क दुर्घटना, गंभीर रूप से चोटिल, हार्ट अटैक समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित पांच मरीजों को हर दिन सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज पटना और गोरखपुर रेफर किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें, तो आइसीयू को चालू करने के लिए कॉर्डियोलॉजी, सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, जो 24 घंटे भर्ती मरीजों की देखभाल और समय पर इलाज कर सकें, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. वहीं, सदर अस्पताल के आइसीयू भवन के एक हिस्से में किडनी डायलिसिस का काम चल रहा है, तो दूसरे हिस्से में स्वास्थ्य विभाग ने पीडियाट्रिक वार्ड (बच्चों का आइसीयू) खोल दिया है. 10 बेडों का आइसीयू भवन सिमट कर रह गया और उपकरण खराब होने लगे हैं. हालांकि आइसीयू के नाम पर यहां कर्मियों की ड्यूटी रोज लगती है. आइसीयू खोलने के बाद सदर अस्पताल के चार डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए पटना पीएमसीएच समेत अन्य बड़े मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया था. प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर की 24 घंटे ड्यूटी आइसीयू में लगायी गयी. कुछ माह पूर्व सदर अस्पताल के डॉक्टरों का प्रमोशन हो गया और उनका तबादला मेडिकल अफसर के रूप में दूसरे जिले में हो गया. इसके बाद से आइसीयू को स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं मिले. आइसीयू बंद होने के बाद भी नर्स और स्वास्थ्यकर्मी यहां तैनात की गयी हैं. मंडल कारा से आनेवाले वीआइपी कैदियों या स्वास्थ्य कर्मियों के घर के मरीजों के लिए आइसीयू आरामगाह बनकर रह गया है. आइसीयू बंद होने के बाद भी कुछ कैदी आये दिन इलाज के नाम पर आइसीयू में आराम फरमाते मिलते हैं. वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल के प्रबंधक जान महम्मद ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टर और जगह की हमारे पास कमी है. आइसीयू के पुराने भवन में ही पीडियाट्रिक वार्ड बनाया गया है. नया भवन बन रहा है, जिसमें आइसीयू समेत तमाम सुविधाओं से सुसज्जित किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें