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एलएनएमयू: 15 दिन से ज्यादा अनुपस्थिति पर बताना होगा कारण

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ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अंगीभूत काॅलेजों में शैक्षणिक वातावरण बनाने,छात्र छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्ती से निर्देशों का पालन कराने को कहा है.

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समस्तीपुर : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अंगीभूत काॅलेजों में शैक्षणिक वातावरण बनाने,छात्र छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्ती से निर्देशों का पालन कराने को कहा है. छात्रों की उपस्थिति को लेकर अब विश्वविद्यालय प्रबंधन कड़े नियम बना रहा है. जिसमें छात्रों की उपस्थिति 75% अनिवार्य है. 75% उपस्थित नहीं होने पर छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कॉलेज के निरीक्षण का कार्यक्रम किया जा रहा है. जिसमें सभी कॉलेज के प्राचार्य को उपस्थिति के प्रति सख्त और कड़े रुख अख्तियार करने का निर्देश दिया जा रहा है. स्नातक सत्र 2024-28 के नए सत्र में छात्रों की उपस्थिति नियमित हो इसके लिए विश्वविद्यालय कुछ कड़े नियम भी लागू करेगा. जिसमें नामांकन लेने के बाद यदि छात्र-छात्राएं बिना सूचना के 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहेंगे तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. एक बार नामांकन रद्द होने के बाद विवि को यदि छात्रों ने अनुपस्थित रहने का संतोषप्रद कारण नहीं बताया, तो दोबारा क्लास करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. विदित हो कि इस समय विभिन्न कॉलेजों में स्नातक के पूर्व सत्रों में महज 10 से 15 फीसदी छात्र-छात्राएं नियमित क्लास करने आते हैं. जबकि परीक्षा फॉर्म भरने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है. पीजी व स्नातक में नामांकन लेने वाले छात्रों से 75 प्रतिशत उपस्थिति के मामले में किसी प्रकार की रियायत नहीं की जायेगी. परीक्षा फॉर्म भरने के समय जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी उनका फॉर्म नहीं भरा जायेगा. पूर्व के सत्र अनियमित हैं और इसी का फायदा उठाकर कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं कोई न कोई जुगाड़ लगा कर अपना फॉर्म भरने में सफल हो जाते थे. लेकिन, नये सत्र से विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों का सख्ती से पालन कराने को लेकर सजग है. छात्र-छात्राओं की परीक्षा, अंक पत्र व नामांकन समेत अन्य समस्याओं को निष्पादित करने की पहल विश्वविद्यालय प्रशासन ने तेज कर दी है. छात्र-छात्राओं की परेशानियों को दूर करने तथा समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय ने शहर के बीआरबी कॉलेज में विस्तार केंद्र की स्थापना पहले ही कर दी है. अब उन विस्तार केंद्रों को व्यवस्थित और सुचारु रूप से संचालन करने व छात्रहित में कार्यों को गति देने के उद्देश्य से रणनीति बनायी गयी है. इस रणनीति पर विचार करने के लिए कुलपति की अध्यक्षता में संबंधित पदाधिकारी, प्रधानाचार्य व नोडल पदाधिकारियों की बैठक हो चुकी है. बीआरबी कॉलेज के प्रधानाचार्य बीके चौधरी ने बताया कि बैठक में कुलपति ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय के विस्तार केंद्र को सुचारु रूप से संचालन के लिए नोडल पदाधिकारी जिला के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालय के प्रधानाचार्य के साथ-साथ परीक्षा नियंत्रक के साथ समन्वय बनाते हुए छात्र-छात्राओं की समस्याओं का त्वरित निष्पादन करेंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि विस्तार केंद्र के संचालन के लिए सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेज के प्रधानाचार्य, परीक्षा नियंत्रक, दक्ष सहायक एवं कंप्यूटर ऑपरेटरों की कार्यशाला आयोजित की जायेगी. इस कार्यशाला का संचालन परीक्षा नियंत्रक करेंगे. बैठक में परीक्षा नियंत्रक को निदेशित किया गया कि विस्तार केंद्र के प्रधानाचार्यों को पत्र के माध्यम से सूचित किया जाए कि तीन कार्य दिवस के अंदर विस्तार केंद्र को क्रियाशील बनाया जाये. विस्तार केंद्र के लिए कार्यालय व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कालेज के प्रधानाचार्य करेंगे. प्रधानाचार्य नोडल पदाधिकारी के अनुरोध पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करते हुए परीक्षा नियंत्रक को सूचित करेंगे. प्रधानाचार्य को सतत माॅनीटरिंग कर विस्तार केंद्र को छात्रहित में उपयोगी बनाने को कहा गया.

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