17.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 11:54 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बीए की पढ़ाई कर रहे छात्र ने शुरू किया स्टार्टअप, गांव में ही काम देने का लक्ष्य

Advertisement

दलते परिवेश में रोजगार सृजन को लेकर अब युवा खुद जागरूक होकर अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने की पहल शुरू की है. इसकी का नतीजा है कि अब बड़े पैमाने पर युवा रोजगार नहीं खोज रहे हैं, बल्कि स्वरोजगार की ओर प्रेरित होकर खुद लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बदलते परिवेश में रोजगार सृजन को लेकर अब युवा खुद जागरूक होकर अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने की पहल शुरू की है. इसकी का नतीजा है कि अब बड़े पैमाने पर युवा रोजगार नहीं खोज रहे हैं, बल्कि स्वरोजगार की ओर प्रेरित होकर खुद लोगों को रोजगार दे रहे हैं. कोरोना काल के बाद बेगूसराय में छोटे-छोटे दो सौ से भी अधिक स्वरोजगार शुरू किये गये, लेकिन अब यहां के एक युवा ने ऐसा स्टार्टअप किया है, जो बिहार के लिए नयी बात है. बेगूसराय जिले के बरौनी प्रखंड स्थित पिपरा देवस निवासी निशांत रंजन ने केला से चिप्स बनाने की फैक्ट्री लगाई है. फैक्ट्री भी पूरी तरह से ऑटोमेटिक और अत्याधुनिक तकनीक से युक्त है. इसके बाद निशांत ना सिर्फ बेगूसराय के पहले स्टार्टअप बन गये हैं, बल्कि उन्होंने शुरुआती दौर में 20 लोगों को रोजगार दिया है. उद्योग धंधा शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रेरित करने पर बेगूसराय में जब बड़े पैमाने पर छोटे-बड़े रोजगार शुरू किये गये तो निशांत ग्वालियर में बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे. उनका ध्यान स्वरोजगार की ओर गया तो बेंगलुरु में कार्यरत अपने इंजीनियर दोस्त से बात की. बेंगलुरु के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों का जायजा लिया. गुजरात जाकर भी कई स्टार्टअप देखे. इसी दौरान केला के चिप्स पर नजर गयी, अपने पिता से बात किया. पिता को भी ले जाकर घुमाया, इसके बाद गांव में ही फैक्ट्री लगाने की सोची. लखनऊ से बनाना बैफर इलेक्ट्रिक कड़ाही, ड्रायर, मसाला मिक्सिंग और ऑटोमैटिक पैकिंग मशीन लाया. करीब 26 लाख रुपये की लागत से उन्होंने अभय एग्रो चिप्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपने स्वरोजगार की शुरुआत की. प्रत्येक महीने 40 से 50 हजार पैकेट चिप्स बना रहे हैं. तीन माह की वैलिडिटी वाला चिप्स मसाला युक्त बनाया जा रहा है. इसमें उन्हें करीब 10 से 15 प्रतिशत की बचत हो रही है. निशांत रंजन ने बताया कि आज लोग पढ़-लिखकर रोजगार खोज रहे हैं लेकिन सभी लोगों को रोजगार देना सरकार से संभव नहीं है. हम चाहे तो खुद का रोजगार शुरू कर गांव में ही लोगों को रोजगार दे सकते हैं. इसी उद्देश्य से हमने बेंगलुरु और गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर जानकारी ली. उसमें मुझे केले का चिप्स बिहार के लिए अच्छा स्टार्टअप लगा, क्योंकि अभी बिहार में कहीं भी केला का चिप्स नहीं बनता है. दूसरे प्रदेशों से ही सप्लाइ होती है. करीब 26 लाख की लागत से स्टार्टअप करने के बाद अब विभिन्न विभागों से संपर्क कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य तीन से चार सौ लोगों को अपने गांव में ही रोजगार देना है जिससे वह घर में रहकर अर्थोपार्जन करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें