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आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जंक्शन पर बन रहा रोलिंग हट

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समस्तीपुर जंक्शन पर ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठाये जा रहे हैं. इसके लिए रोलिंग हट का निर्माण किया जा रहा है. पुराने रोलिंग हट को हटाकर नये रोलिंग हट बनाये जा रहे हैं.

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समस्तीपुर : समस्तीपुर जंक्शन पर ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठाये जा रहे हैं. इसके लिए रोलिंग हट का निर्माण किया जा रहा है. पुराने रोलिंग हट को हटाकर नये रोलिंग हट बनाये जा रहे हैं. यह आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. थर्मल इंसुलेटर होने के कारण यहां पर तैनात कर्मियों को गर्मी का प्रभाव नहीं होगा. जिससे वह शांत दिमाग से ट्रेनों का अवलोकन कर सकेंगे. जंक्शन पर चार जगह पर रोलिंग हट बनाये जायेंगे. इसमें प्लेटफार्म संख्या 2/3 के दोनों और दो रोलिंग हट का निर्माण किया जा रहा है. जबकि प्लेटफार्म संख्या 6 और 7 के पास भी रोलिंग हट बनने का प्रस्ताव है. प्लेटफार्म संख्या चार और पांच पर अगर यहां रोलिंग हट बनता है तो इससे और भी सुरक्षा बेहतर हो पायेगी. यह पोटा केबिन के रूप में भी काम करेगा. अर्थात पोर्टेबल केबिन होने के कारण इसे कहीं भी ले जाना सुविधाजनक होगा. इसमें तैनात कर्मियों के लिए सब समुचित उपकरण की भी व्यवस्था की गई है. जिससे ट्रेनों की सुरक्षा बेहतर होगी.रोलिंग इन एग्जामिनेशन हट होता है. इनका मुख्य काम चलती हुई ट्रेन में किसी भी किस्म की खराबी यथा ढीले और लटकते हुए कल पुर्जे, टूटे हुए कल पुर्जे या अन्य खराबियों को देख कर या आवाज सुनकर पता करना होता है . इसके लिए बहुत ही ज्यादा अनुभव की जरूरत होती है . यह कुछ कुछ खत देखकर मजमून पढ़ लेने वाली बात सी है. नब्ज़ देखकर बीमारी समझ लेना सी बात है . इस तरह के एग्जामिनेशन हट बड़े बड़े स्टेशनों के ठीक पहले लगाया जाता है. ऐसे एग्जामिनेशन हट के लिए जगह का चयन इस तरह किया जाता है कि ट्रेन का निचला भाग निरंतर दोनों ओर से दिखाई देती रहे. साथ ही ट्रेन की स्पीड उस वक्त 30 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. रात के वक्त अच्छी तरीके से देखने के लिए दोनों तरफ उच्च क्षमता के लाइट लगाये जाते हैं लाइट की फिक्सिंग उस जगह पर एक डब्बे को खड़ा कर की जाती है. यह तसल्ली कर लेने के बाद प्रकाश ट्रेन के निचले भाग पर ही पड़ रही है. जहां पहिए, स्प्रिंग और ब्रेक आदि है. ट्रेन आने के पहले सवारी एवं माल डिब्बा विभाग के 2 अनुभवी कर्मचारी पटरी के दोनों तरफ बने रोलिंग इन एग्जामिनेशन हट के पास बैठ जाते हैं. आने वाली गुजरती हुई ट्रेन के निचले भाग को ध्यानपूर्वक देखते हैं1 साथ ही किसी भी असामान्य आवाज को भी सुनने के लिए सचेष्ट और तत्पर रहते हैं. यह कलपुर्जे बाहर की तरफ हैं उनकी खराबी का तो पता लगाना आसान है लेकिन जो कलपुर्जे भीतर की तरफ है. दिखाई नहीं देते हैं. उन्हें केवल असामान्य आवाज के सहारे ही पहचान किया जा सकता है. अतः बहुत ही अनुभवी और कुशल कर्मचारियों को तैनात किया जाता है. कई बार तो ये चलती हुई ट्रेन में बस आवाज की बिना पर ऐसी खराबी पकड़ लेते हैं. जिसे रुकी हुई अवस्था में भी लोग देख नहीं पाये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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