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वोटर पीठासीन अधिकारी से कर सकते हैं शिकायत

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सीवान : मतदान को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने की जवाबदेही पीठासीन पदाधिकारी की होती

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सीवान : मतदान को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने की जवाबदेही पीठासीन पदाधिकारी की होती है. इसके लिए मतदान दल के साथ समन्वय बनाकर पीठासीन पदाधिकारी कार्य करते हैं क्योंकि मतदान के दिन मतदान केंद्र पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को दूर करने की प्रशासनिक शक्ति पीठासीन पदाधिकारी के पास होती है. मतदान में अगर किसी प्रकार की असुविधा या गड़बड़ी होती है तो इसकी शिकायत वोटर पीठासीन पदाधिकारी से कर सकते हैं और पीठासीन पदाधिकारी वोटर की इस शिकायत को दूर करते करेंगे. उक्त बातें लोकसभा चुनाव 2024 का प्रशिक्षण देने के क्रम में डीएवी उच्च विद्यालय प्रशिक्षण केंद्र पर नोडल मास्टर ट्रेनर विश्वमोहन सिंह तथा मास्टर ट्रेनर कुमार राज कपूर टीपू ने मतदान पदाधिकारियों को बताईं. टेस्ट वोट : आदर्श वीएम मतदान केंद्र पर मास्टर ट्रेनर ज्ञान प्रकाश पाठक ने बताया कि यदि किसी मतदाता को ऐसा प्रतीत होता है कि जिस प्रत्याशी के पक्ष में उसने मतदान किया है उसके नाम की पर्ची वीवीपीएटी मशीन में नहीं दिखाई दे रही है तो वह इसकी शिकायत पीठासीन पदाधिकारी से कर सकता है. मास्टर ट्रेनर उपेंद्र दुबे तथा मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसी स्थिति में पीठासीन पदाधिकारी संबंधित मतदाता को समझाएंगे कि मशीन में ऐसी किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना नहीं है क्योंकि मॉक पोल के दरमियान मशीन सहित पाई गई है. लेकिन इसके बाद भी यदि मतदाता अपनी बात पर अडिग रहता है तो पीठासीन पदाधिकारी विहित प्रारूप में संबंधित वोटर से 49 एम ए के तहत घोषणा पत्र भरवाएंगे. फिर पोलिंग एजेंट तथा संबंधित मतदाता के साथ वोटिंग कंपार्टमेंट में जाकर टेस्ट वोट दिलवाया जाएगा. टेस्ट वोट देने के लिए इस वोटर की मतदाता रजिस्टर में पुन: एंट्री होगी. यदि टेस्ट वोट के दरमियान ऐसा पाया जाता है कि मतदाता की बात सही है तो ऐसी स्थिति में मतदान रोक दिया जाएगा और वरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना दी जाएगी. इसके बाद वरीय पदाधिकारी के मार्गदर्शन में आगे कार्य किया जाएगा. यदि मतदाता की बात गलत पाई जाती है तो संबंधित मतदाता पर 6 माह तक कारावास/1000 रूपया का अर्थदंड या फिर दोनों कार्रवाई की जाएगी. निविदत्त मतपत्र : दरोगा राय प्रशिक्षण केंद्र पर मास्टर ट्रेनर मंगल कुमार साह तथा सुमित कुमार तिवारी ने बताया कि यदि किसी मतदाता को मतदान केंद्र पर जाने के बाद यह पता चलता है कि उसका वोट पहले ही गिर चुका है तो इस बात की शिकायत वोटर पीठासीन पदाधिकारी से कर सकता है. ऐसी स्थिति में पीठासीन पदाधिकारी उस मतदाता की पहचान सुनिश्चित करवाते हैं और यदि मतदाता की बात सही है तो निविदत्त मतपत्र के द्वारा 17 बी के तहत उस मतदाता को मतदान का अधिकार प्रदान किया जाता है और मतदाता अपना वोट दे सकेगा. चैलेंज वोट : मास्टर ट्रेनर संजय कुमार गुप्ता और संदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि जब किसी मतदाता पर उपस्थित किसी एजेंट द्वारा यह आपत्ति की जाती है कि यह वह मतदाता नहीं है जिसका नाम मतदाता सूची में है तो इस पर चैलेंज वोट की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. प्रथम मतदान पदाधिकारी ऐसे मतदाता को पीठासीन अधिकारी के पास भेज देंगे और पीठासीन पदाधिकारी चुनौतीकर्ता पोलिंग एजेंट को ₹2 नकद जमा करने हेतु कहेंगे. इसके बाद उपबंध 8 में निर्धारित प्रारूप पर धनराशि प्राप्त कर पोलिंग एजेंट को उसकी रसीद दे दी जाएगी. मास्टर ट्रेनर प्रमोद कुमार शर्मा और कृष्ण कुमार ओझा ने बताया कि जिस मतदाता के बारे में चुनौती दी गई है उसको पीठासीन अधिकारी बता देंगे कि यदि वह वास्तविक मतदाता नहीं होगा तो उसके विरुद्ध निर्वाचन आयोग की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाएगी जो जुर्मानाजुर्माना, जेल अथवा दोनों हो सकता है. जांच के क्रम में पहला साक्ष्य पोलिंग एजेंट प्रस्तुत करेंगे. यदि वह उपयुक्त साक्ष्य को प्रस्तुत करने में असफल होते हैं तब इस मतदाता को मतदान करने की अनुमति दे दी जाएगी. यदि मतदाता अपना पहचान करने में सफल हो जाता है तो प्राप्त राशि को जप्त कर ली जाएगी और मतदाता को सामान्य रूप से मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. मास्टर ट्रेनर सुमित कुमार तिवारी और प्रेम कुमार सोनी ने बताया कि असफल मतदाता/अभ्याक्षेपित मतदाता को पुलिस को सौंपते हुए प्रपत्र 14 में चैलेंज वोट की सूची तैयार की जाएगी जो नन स्टेट्यूटरी पैकेट में डाली जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि चैलेंज के क्रम में यदि राशि जब्त की जाती है तो उस राशि और रसीद का एक अलग लिफाफा बनेगा.

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