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बिहार में आयुक्त खुद देखेंगे भूमि अधिग्रहण का मामला, सड़क निर्माण के लिए अब जमीन मिलने में नहीं होगी देरी

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मुख्य सचिव के स्तर से सभी प्रमंडलीय आयुक्ताें को पत्र लिखकर इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है. इसमें कहा गया है कि नेशनल हाइवे एक्ट 1956 की धारा थ्रीजी में इसका प्रावधान है. इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता की तरफ से भी एक्ट का पालन करने का निर्देश है.

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पटना. राज्य में एनएच निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण विवादों का निपटारा अब प्रमंडलीय आयुक्त ही करेंगे. उन्हें मध्यस्थ (आर्बिट्रेटर) साथ ही वे जमीन विवाद निपटारा करने के लिए किसी अन्य अधिकारी को अपनी शक्ति नहीं दे सकेंगे. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं, जिला भूअर्जन अधिकारियों और भूअर्जन के सक्षम प्राधिकार को पत्र लिखा है. इससे पहले भी मुख्य सचिव के स्तर से सभी प्रमंडलीय आयुक्ताें को पत्र लिखकर इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है. इसमें कहा गया है कि नेशनल हाइवे एक्ट 1956 की धारा थ्रीजी में इसका प्रावधान है. इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता की तरफ से भी एक्ट का पालन करने का निर्देश है.

जमीन अधिग्रहण विवाद का होगा त्वरित समाधान

सूत्रों के अनुसार एनएच निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के कई मामलों में जमीन की कीमत सहित अन्य मुद्दों को लेकर जमीन मालिक और सरकार के बीच विवाद शुरू हो जाता था. इस कारण राज्य में एनएच की करीब एक दर्जन से अधिक परियोजनाओं के निर्माण में पांच से दस तक विलंब हो गया था. ऐसे में जमीन अधिग्रहण विवाद के त्वरित समाधान के लिए प्रमंडलीय आयुक्तों को मध्यस्थ की शक्ति दी गई. वहीं कई मामलों में प्रमंडलीय आयुक्तों ने अपनी शक्ति जिला भूअर्जन अधिकारियों या समाहर्ताओं को दे दी थी. संबंधित अधिकारियों ने जमीन विवाद निपटारे के लिए सभी नियमों का पालन नहीं किया. इस कारण मुआवजे का वितरण नहीं हुआ और जमीन अधिग्रहण नहीं होने से सड़क निर्माण में बेवजह विलंब हो गया. इससे परियोजना लागत बढ़ गई.

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मुंगेर और मगध प्रमंडल में जमीन अधिग्रहण का पेंच

राज्य के महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में ऐसे दो मामलों का उदाहरण दिया है जिसमें प्रमंडलीय आयुक्त सह मध्यस्थ ने जमीन अधिग्रहण विवाद निपटाने के लिए अपनी शक्ति दूसरे अधिकारी को दे दी. इसमें मुंगेर और मगध प्रमंडल के आयुक्त शामिल हैं. मुंगेर प्रमंडल में मुंगेर- मिर्जाचौकी एनएच के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए कई विवादों में मुंगेर प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त ने इसका निपटारा करने का निर्देश अन्य अधिकारियों को दिया था. इसी तरह मगध प्रमंडल में पटना-गया-डोभी एनएच-83 फोरलेन निर्माण में भी कई मामले सामने आये हैं.

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