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जगी उम्मीद: बिहटा-औरंगाबाद नयी रेल लाइन प्रोजेक्ट का सर्वे शुरू, 4075 करोड़ से प्रोजेक्ट होगा पूरा

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बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि 120.77 किमी लंबे बिहटा-औरंगाबाद नयी रेल लाइन प्रोजेक्ट का नये सिरे से सर्वे किया जाये, ताकि प्रोजेक्ट का नया डीपीआर तैयार किया जा सके. डीपीआर के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी.

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रिपोर्ट अनिकेत त्रिवेदी

पटना. बिहटा-औरंगाबाद नयी रेल लाइन के चालू होने एक बार फिर से उम्मीद जगी है. रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद इस प्रोजेक्ट पर सर्वे का काम एक बार फिर शुरू किया गया है. इसके लिए तीन करोड़ की राशि तय की गयी है. बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि 120.77 किमी लंबे बिहटा-औरंगाबाद नयी रेल लाइन प्रोजेक्ट का नये सिरे से सर्वे किया जाये, ताकि प्रोजेक्ट का नया डीपीआर तैयार किया जा सके. डीपीआर के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. मालूम हो कि नयी रेल लाइन का प्रोजेक्ट करीब 15 साल 10 माह पुराना है. 16 अक्तूबर 2007 में पालीगंज के खेल मैदान में इसका शिलान्यास किया गया था. तब से अब तक लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हो पाया. हालांकि अभी सर्वे का काम 10 किमी के लगभग ही हुआ है.

घट जायेगी पटना व औरंगाबाद की दूरी

बिहटा-औरंगाबाद रेललाइन पर 4075 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पिछले दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी थी. इस लाइन में 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं. इस रेल लाइन के लिए अभी तक 87 करोड़ की राशि मिल चुकी है. सर्वे में नयी रेल लाइन के रूट में थोड़ा बदलाव भी प्रस्तावित है. इसमें अब नई रेललाइन बिहटा और कोईलवर (पाली हॉल्ट) के बीच से निकलेगी. औरंगाबाद से पटना की दूरी डेढ़-दो घंटे में तय होगी. फिलहाल पटना से औरंगाबाद जाने में चार घंटे से अधिक का समय लगता है.

वर्ष 1980 से चल रही है मांग

दरअसलय, बिहटा-औरंगाबाद नयी रेल लाइन का प्रोजेक्ट की चर्चा काफी लंबे समय से हो रही है. जानकारी के अनुसार जून 1980 में इस रेल-लाइन की मंजूरी मिली थी. मई 2005 में सर्वे करने का आदेश जारी हुआ था. इसके बाद अक्तूबर 2007 में पालीगंज में इस प्रोजेक्ट का तत्कालीन मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था. अब फिर से सर्वे शुरू होने के बाद पटना, औरंगाबाद सहित कई जिलों के लोगों को फायदा मिलेगा.

17 प्रोजेक्टों में लग गया है ब्रेक

रेलवे की राज्य में चल रही 52 रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में से 17 प्रोजेक्टों में ब्रेक लग गया है. आरटीआइ से मांगी गयी जानकारी पर रेलवे बोर्ड की ओर से दिये गये जवाब के अनुसार बिहार में रेलवे की 32 में 15 नयी रेलवे लाइन बिछाने, एक लाइन दोहरीकरण और एक गेज परिवर्तन के प्रोजेक्ट को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है. फिलहाल इन पर सैकड़ों करोड़ की राशि खर्च होने के बाद भी रेलवे ने कई प्रोजेक्टों पर रोक लगाया गया है. वहीं, रेलवे बोर्ड के अनुसार राज्य की 32 नये प्रोजेक्ट में कुल 2 हजार 2 सौ 78 किमी रेलवे लाइन का जाल फैलाया जाना है. इसमें कुछ प्रोजेक्ट लगभग पूरे हो चुके हैं. इसके अलावा चार गेज परिवर्तन और 16 दोहरीकरण के प्रोजेक्ट में 2 हजार एक सौ 33 किमी की रेलवे लाइन बिछाई जानी है.

100 किमी से अधिक लंबाई वाले 11 प्रोजेक्ट

32 नयी रेलवे लाइन बिछाने वाले प्रोजेक्ट में 11 प्रोजेक्ट ऐसे हैं. जिसकी लंबाई 100 किमी से अधिक है. इसमें सबसे लंबा प्रोजेक्ट सीतामढ़ी-जयनगर- निर्मली वाया सुरसंड का है. इस प्रोजेक्ट की लंबाई 189 किमी है और इसका बजट 2833.08 करोड़ है और मार्च 2022 तक इस प्रोजेक्ट में मात्र 3.20 करोड़ की राशि खर्च हुई है. रेलवे बोर्ड की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट को भी सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, सबसे छोटी परियोजना जोगबनी- विराटनगर नेपाल तक की है. इस प्रोजेक्ट की लंबाई 19 किमी है और इस पर 402 करोड़ खर्च किये जाने हैं. वहीं मार्च 2022 तक इस पर 333.46 करोड़ खर्च हो चुके हैं. कमोबेश ये प्रोजेक्ट पूरा होने के कगार पर है. हालांकि, ये योजना नार्थ-फ्रंटियर रेलवे की है.

निर्माणाधीन बड़े प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट – लंबाई (किमी में ) – बजट (करोड़ में ) – अब तक खर्च राशि (करोड़ में )

  • रामपुर हाट- मंदारहिल वाया दुमका – 159 – 1458 – 1362.58

  • दनियावां से शेखपुरा वाया बिहारशरीफ – 167 – 1540.81 – 1498.77

  • अररिया से गलगलिया ( ठाकुरगंज ) – 111 – 2145 – 1151.38

  • बिहटा से औरंगाबाद वाया अनुग्रह नारायण रोड – 120 – 2995.01 – 2.88

  • गया- बोधगया – चतरा – 135 – 4543 – 15.58

बड़े प्रोजेक्ट जो रोक दिये गये

प्रोजेक्ट – लंबाई (किमी में ) – बजट (करोड़ में ) – अब तक खर्च राशि (करोड़ में )

  • बांका – भीतिया रोड – – 154 – 1425.44 – 638.03

  • सीतामढ़ी-जयनगर- निर्माली वाया सूर्संड- 189 – 2833.08 – 3.20

  • आरा -भभुआ रोड – 150 – 2396 .88 – 0.44

  • गया- डाल्टेंनगंज वाया रफीगंज – 137 – 2860.55 – 1.15

  • मोतीहारी – सीतामढ़ी – 77 – 1006.75 – 43.34

  • दरभंगा- कुशेश्वर स्थान – 70 – 366.73 – 5.21

दोहरीकरण के 16 प्रोजेक्ट, एक पर ब्रेक

बिहार में रेल लाइनों को दोहरीकरण करने के कुल 16 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है. इसमें दो को छोड़ कर सभी पूर्व मध्य रेलवे के प्रोजेक्ट हैं. रेलवे बोर्ड की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार 16 में सिर्फ मात्र दो किमी के एक प्रोजेक्ट मानपुर से गया बाइपास को छोड़ कर सभी सभी प्रोजेक्टों पर काम किया जा रहा है. इसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 256 किमी का नरकटियागंज- रक्सौल- सीतामढ़ी- दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन दोहरीकरण का है. इसमें 2555 करोड़ की राशि खर्च की जानी है.

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