17.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 10:01 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

NEP: अब एक साथ अलग-अलग विषयों में कर सकेंगे पीएचडी, मदद के लिए मिलेंगे को-सुपरवाइजर, नए सत्र में होगा लागू

Advertisement

सभी यूनिवर्सिटियों को पीएचडी उपाधि प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानदंड और प्रक्रिया विनियम 2022 को लागू करना होगा. इसका मकसद शिक्षकों और अनुसंधान डिग्री की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

अनुराग प्रधान, पटना. देश के सभी यूनिवर्सिटियों में नये सत्र 2023-24 में नये पीएचडी नियम-2023 लागू होंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पीएचडी के लिए नया नियम लागू किया गया है. नये नियम के तहत अब एक से अधिक विषयों में एक साथ पीएचडी का मौका मिलेगा. यह मौका इंटरडिस्पलिनरी के तहत मिलेगा इंटरडिस्पलिनरी में दो या दो से अधिक शैक्षणिक विषयों में स्टूडेंट्स पीएचडी में रिसर्च कर सकेंगे. जिस डिपार्टमेंट में शोधार्थी रजिस्ट्रेशन करायेंगे, पीएचडी डिग्री में उसी का नाम होगा.

मदद के लिए मिलेंगे को-सुपरवाइजर

दूसरे विषयों के शोध में मदद के लिए उनको को-सुपरवाइजर मिलने के साथ-साथ उसके क्रेडिट दिये जायेंगे. सभी यूनिवर्सिटियों को पीएचडी उपाधि प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानदंड और प्रक्रिया विनियम 2022 को लागू करना होगा. इसका मकसद शिक्षकों और अनुसंधान डिग्री की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है. यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि नये नियम के तहत पीएचडी प्रोग्राम में बहुविषयक शोध की आजादी मिलेगी. अब अलग-अलग विषयों में एक साथ पीएचडी की जा सकेगी.

प्रगति रिपोर्ट में सुधार नहीं हुआ, तो रद्द होगा रजिस्ट्रेशन

पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को प्रत्येक सेमेस्टर में प्रगति रिपोर्ट जमा करनी होगी. शोध सलाहकार समिति इसका मूल्यांकन करेगी और आगे मार्गदर्शन देगी. रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर शोध सलाहकार समिति इसके कारणों को दर्ज करेगी और सुधारात्मक उपाय सुझायेगी. सुधारात्मक उपायों के बाद भी शोधार्थी अगर उसमें सुधार नहीं करता है, तो समिति उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश करेगी.

रिटायरमेंट में तीन साल हैं, तो नहीं बनेंगे सुपरवाइजर

प्रो कुमार ने कहा कि नये नियमों के तहत जिन प्रोफेसर की रिटायरमेंट में तीन वर्ष से कम समय बची होगी, उन्हें पर्यवेक्षण में नये शोधार्थियों को लेने की अनुमति नहीं होगी. लेकिनरिटायरमेंट तक पहले से ही रजिस्टर्ड शोधार्थियों का पर्यवेक्षण जारी रख सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद सह-पर्यवेक्षक के रूप में 70 वर्ष की आयु तक ही वे कार्य कर सकेंगे.

Also Read: जेइइ मेन : कम स्कोर रहने पर भी इन छात्रों को मिलेगा बीटेक में एडमिशन, ट्यूशन फीस भी होगी माफ, जानें कैसे
पीएचडी टेस्ट में 50 अंक लाना जरूरी

पीएचडी शोधार्थी की थीसिस का मूल्यांकन उसके शोध पर्यवेक्षक और कम से कम दो बाहरी परीक्षकों द्वारा किया जायेगा. ये संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ तो होंगे, लेकिन संबंधित उच्चतर शिक्षण संस्थान के नहीं होंगे. एक परीक्षक शिक्षाविद होंगे. जबकि दूसरे भारत के बाहर से होने चाहिए. पीएचडी में एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा होगी. परीक्षा में उम्मीदवार को 50 अंक हासिल करना जरूरी होगा. तभी इंटरव्यू के लिए चयन होगा. इसके अलावा यूजीसी नेट, यूजीसी सीएसआइआर नेट, गेट, सीइइडी वाले उम्मीदवारों को सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया जायेगा. पीएचडी की अवधि कम-से-कम तीन साल रहेगी और अधिक-से-अधिक छह साल में पूरी करनी होगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें