Turkey Earthquake: तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप ने जानमाल का भारी नुकसान किया है. तुर्की और सीरिया में एक हफ्ते पहले आये विनाशकारी भूकंप में बेघर हुए हजारों लोग तंबुओं में खचाखच भरे हुए हैं और सोमवार को गर्म भोजन के लिए सड़कों पर कतार में नजर आए. वहीं, मलबे में अब भी दबे जीवित लोगों को निकालने के लिए तलाश अभियान अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है. बता दें कि एक रेस्क्यू के दौरान एनडीआरएफ टीम के पास ठोस इनपुट थी कि एक जीवित व्यक्ति मलबे के नीचे दबा हुआ है.

लैब्राडोर जोड़ी है रोमियो और जूली

इसके बाद टीम ने दो खोजी कुत्तों को काम पर लगाया. लैब्राडोर जोड़ी जिनका नाम रोमियो और जूली है ने मलबे के माध्यम से अपना रास्ता सूँघ लिया और भौंकने लगे इसपर टीम ने मशीन लाई और ड्रिलिंग शुरू कर दी. घंटों की मशक्कत के बाद वे अंदर पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि बेरेन नाम की छह साल की बच्ची की सांस चल रही थी.

जानिए अधिकारियों ने क्या कहा?

बेरेन को 9 फरवरी को बचाया गया था, जबकि मिरे कराटस (9) को अगले दिन बाहर लाया गया था. अधिकारी ने बताया, “यह रोमियो और जूली की वजह से है कि हम दो बच्चों को बचाने में सक्षम थे. जब उन्होंने 9 फरवरी को मलबे के माध्यम से खोज की, तो रोमियो रुक गया और भौंकने लगा. जूली उसके साथ हो गई. घंटों की खोज के बाद, हम कंक्रीट में छेद करने में कामयाब रहे. वह जीवित थी. अगले दिन, हमें एक और जीवित व्यक्ति मिला. दोनों ठीक हैं.”

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हनी और रेम्बो भी कर रहे कड़ी मशक्कत

कोलकाता NDRF की दूसरी बटालियन से जुड़ी दो प्रयोगशालाओं ने टीमों को तुर्की के नूरदगी में टनों मलबे के नीचे से दो लड़कियों को जीवित निकालने में मदद की है. भारत सरकार ने तुर्की में बचाव कार्यों में मदद के लिए गाजियाबाद, कोलकाता और वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को भेजा है. टीमों में दो और कुत्ते हैं – हनी और रेम्बो. अब तक दस्तों ने नूर्दगी और अंतक्या में मलबे से 45 शव निकाले हैं.