भारत समेत दुनियाभर में 26/11 मुंबई हमले के 14 वर्ष पूरा होने पर बरसी मनाई गई. मुंबई हमले को लेकर आज भी लोगों में आक्रोश है. इस हमले को लेकर बीते दिन न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर भारतीय, अमेरिकी और दक्षिण एशियाई प्रवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा न्यू जर्सी के ह्रयूस्टन में भी पाकिस्तानी दूतावास के बाहर लोगों ने मुंबई हमले के खिलाफ आक्रोश दिखाया.


इजारल ने की पाकिस्तान में साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इजराइल में भी आतंकी हमले को लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया. बताते चले कि लोगों ने इस हमले की बरसी को मनाने के लिए कई आयोजन किए और निर्मम हत्याओं की भर्त्सना की. साथ ही इस हमले के खिलाफ पाकिस्तान में साजिश रचने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. यह भी बता दें कि इजराइल में बरसी के एक दिन पहले से ही विरोध पर्दर्शन किए जा रहे हैं. यहां लोग‍ों के हांथों में तख्तियां है, जिनपर निर्मम हत्या की चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है.

160 से अधिक विदेशी और भारतीयों को बनाया था निशाना

26/11 मुंबई हमले में 160 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इनमें भारतीय समेत कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे. पाकिस्तान से समुंद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे 10 आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया था. आतंकियों ने इस दौरान दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस समेत कई स्थानों को निशाना बनाया था.

  ‘यह इजराइल और भारत का साझा दर्द’

इजराइल ने भारत और मुंबई के लोगों के साहस की सराहना करते हुए कहा है कि 26/11 का आतंकी हमला एक साझा दर्द है. इजराइल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक एलोन उशपिज ने कहा, मुझे भारत और मुंबई के लोगों का साहस स्पष्ट रूप से याद है और ऐसा एक मिनट भी नहीं है जिसमें हमें उस खौफनाक दिन भारत और इजराइल के बीच बनी रणनीतिक साझेदारी से लाभ नहीं होता है.

(भाषा- इनपुट के साथ)